विजयवाड़ा, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। विजयदशमी के दिन आंध्रपदेश की नई राजधानी अमरावती के शिलान्यास की मुख्य घटना ही नहीं हुई, बल्कि आपसी कड़वाहट भुलाकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री कल्बकुंतल चंद्रशेखर राव भी समारोह में शामिल हुए।
राव नलगोंडा जिले के सूर्यपेट से हेलीकॉप्टर द्वारा उद्दंडारायुनिपलेम पहुंचे, जहां आंध्र के मंत्रियों ने उनकी अगुवाई की।
तेलंगाना आंदोलन और ‘कैश फॉर वोट’ घोटाले से संबंधित अपनी कड़वाहट को भुला कर और विपक्षी दलों की आलोचना से अप्रभावित राव ने आंध्रपदेश के अपने समकक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के समारोह में सम्मिलित होने के आमंत्रण को स्वीकार किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ केवल मंच ही साझा नहीं किया बल्कि आधारशिला पर भी उनका नाम दिया गया। हालांकि नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेताओं के एक वर्ग ने इस कदम की आलोचना की है।
वर्षो बाद राव की यह पहली आंध्र यात्रा थी। राव ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए 2001 में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की नींव रखने और तेलंगाना आंदोलन चलाने के दौरान आंध्र या रायलसीमा का कभी दौरा नहीं किया था।
यहां तक कि अलग राज्य की मांग के साथ राव ने तेलंगाना के पिछड़ेपन के लिए नायडू और आंध्र के अन्य नेताओं को दोषी ठहराया था।
राव ने कई विवादित मसले उठाए थे, जिन्हें आंध्र प्रदेश और खासतौर पर हैदाराबाद के निवासियों ने अपना अपमान और धमकी माना था।
यहां तक कि पिछले साल आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद भी कृष्णा नदी का पानी और बिजली के बंटवारे समेत कई मुद्दों पर विवादों के चलते दोनों पक्षों के बीच कड़वाहट जारी रही।
मई में तेलंगाना के एक तेदेपा नेता को एक नामित विधायक को विधान परिषद के चुनाव में तेदेपा उम्मीदवार को मत देने के एवज में रिश्वत देते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद विवाद और गहरा गया था।
टीआरएस ने इसे उनकी सरकार गिराने के लिए नायडू का षड्यंत्र बताया था।
इसके बाद दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच शब्दों की जंग छिड़ गई। राव ने आंध्र के अपने समकक्ष को चोर कहा था और नायडू ने टीआरएस सरकार पर उनके फोन टैप करने का आरोप लगाते हुए केंद्र से मध्यस्थता की मांग की थी।
नायडू ने अमरावती के शिलान्यास को दोनों के आपसी मतभेदों को भुलाने का मौका बनाते हुए राव को समारोह में सम्मिलित होने का आमंत्रण भेजा।
कांग्रेस ने राव के समारोह में सम्मिलित होने को अलग राज्य के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाले तेलंगाना के शहीदों का अपमान बताया।
वरिष्ठ नेता पोन्नला लक्ष्मैया ने कहा कि इसने दोनों के बीच एक दूसरे के खिलाफ ‘कैश फॉर वोट’ और फोन टैपिंग के मामले को दबाने की गुपचुप रजामंदी का खुलासा कर दिया है।
राव ने आलोचनाओं पर कहा है कि उन्होंने तेलंगाना की आदान-प्रदान की संस्कृति को जारी रखने के लिए आमंत्रण स्वीकार किया था।