भोपाल-राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश के लोगों को भवन और दुकानों के निर्माण की अनुमति व नक्शा पास कराने के लिए संबंधित निकाय या आर्किटेक्ट के यहां चक्कर लगाने से मुक्ति दिलाने जा रही है। इसके लिए घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करने पर स्वत: ही मंजूरी मिल जाएगी। योजना के तहत आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके अलावा जरुरी 8 दस्तावेज लगाने पर 30 दिन में ऑनलाइन मंजूरी मिल जाएगी। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों में ऑनलाइन आटोमैटिक बिल्डिंग परमीशन अप्रुवल सिस्टम (एबीपीएस-2) शुरू किया है। खास बात यह है कि निर्धारित समय में नक्शा पास नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
आटोमैटिक बिल्डिंग परमिशन अप्रुवल सिस्टम में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके तत्काल बाद लॉग-इन पासवर्ड और आईडी मिल जाएगा। इसके बाद पोर्टल में न्यू बिल्डिंग परमिशन विंडो में जाकर मकान-दुकान का नक्शा अपलोड करना होगा। इसके साथ 8 तरह के दस्तावेज भी लगाना होंगे। यहां पर नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट अथवा इंजीनियर का नाम भी देना होगा। नक्शा निर्धारित मानदंड और ले-आउट के अनुसार नहीं होने पर सिस्टम बता देगा। इसकी सूचना भी उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल पर पहुंच जाएगी।
नगरीय प्रशासन विभाग ने मास्टर प्लान के अनुसार हर शहर के फ्लोर एरिया ऑफ रेशो (एफएआर) के हिसाब से पोर्टल पर 4500 नक्शे मौजूद हैं। ये नक्शे 1000 से लेकर 3000 वर्गफीट प्लाट के हैं। आवेदक को यदि इनमें से कोई नक्शा पसंद आता है तो वह उसे क्लिक कर मंजूरी के लिए आवेदन कर सकेगा। ऐसी स्थिति में उसे आर्किटेक्ट की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार ने पहले इस सिस्टम को छिंदवाड़ा और मुरैना में पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था। इसके सफल होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। वहीं बड़े नगर निगमों में चल रहे पुराने ऑनलाइन सिस्टम को भी अपडेट किया गया है। इससे कई निगमों में शुरुआती परेशानी भी सामने आ रही हैं। इनमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर में कई भवन मंजूरियां अटकी हुई हैं। नगरीय प्रशासन ने मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कारर्पोशन इंटरनेट की लेन बढ़ाने के लिए लिखा है। जिससे आवेदक को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आए।
नक्शा पास कराने के लिए अब उपभोक्ताओं को 12 की जगह मात्र 8 दस्तावेज देने होंगे। इनमें नक्शा, साइड प्लान, रजिस्ट्री, आर्किटेक्ट का डिक्लियरेशन फार्म, सुपरविजन फार्म, हलफनामा, साइड फोटो, प्रापर्टी टैक्स की रसीद शामिल है। इन दस्तावेजों को उपभोक्ताओं को खुद स्केन कर उसके नक्शे के साथ अपलोड करना होगा। वहीं जिन चार दस्तावेजों की अनिवार्यता समाप्त की गई है। उनमें दो फोटो, आर्किटेक्ट का अनुबंध, ले आउट प्लान शामिल हैं। दस्तावेज कम होने से उपभोक्ताओं को अपना मकान का नक्शा मंजूर कराना आसान हो गया है।