नई दिल्ली-भगवान बुद्ध के चार कपिलवस्तु पवित्र अवशेष सोमवार को 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए मंगोलिया पहुंच गए हैं। बुद्ध पूर्णिमा के विशेष अवसर पर मंगोलिया के साथ ऐतिहासिक संबंधों की गहराई को देखते हुए दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक और अध्यात्मिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने एवं बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत भारत सरकार ने विशेष अनुमति देते हुए इन पवित्र अवशेषों को मंगोलिया भेजा है।
खास बात यह है कि, भारत सरकार ने अपने वरिष्ठ मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में 25 सदस्यीय दल को भगवान बुद्ध के इन चार कपिलवस्तु पवित्र अवशेषों के साथ मंगोलिया भेजा है। इस दल के मंगोलिया पहुंचने पर इन पवित्र अवशेषों का बहुत श्रद्धा और औपचारिक धूमधाम के साथ उलनबाटोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मंगोलिया की संस्कृति मंत्री च नोमिन, भारत-मंगोलिया मैत्री समूह की अध्यक्ष सरंचिमेग, मंगोलिया के राष्ट्रपति के सलाहकार खांबा नोमुन खान और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा स्वागत किया गया।
इसके बाद इन पवित्र अवशेषों का स्वागत गंदन मठ में प्रार्थना तथा बौद्ध मंत्रोच्चार के साथ किया गया। बड़ी संख्या में मंगोलिया के लोगों ने एकत्र होकर भगवान के पवित्र अवशेषों के प्रति सम्मान प्रकट किया। इन पवित्र अवशेषों को गंदन मठ के बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति में मंगलवार से आरंभ हो रही 11 दिनों की प्रदर्शनी के लिए सुरक्षित रखने के लिए गंदन मठ को सौंप दिया गया। इससे पूर्व, कल शाम ये पवित्र अवशेष पारंपरिक समारोह के बाद शिष्टमंडल के साथ दिल्ली से रवाना हुए थे। आपको बता दें कि, ये पवित्र अवशेष संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे गए 22 विशेष पवित्र अवशेषों से संबंधित हैं।
इस अवसर पर भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि गंदन मठ में बुद्ध की मुख्य प्रतिमा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में मंगोलिया के लोगों को उपहार में दी गई थी तथा इसे 2018 में संस्थापित किया गया। उन्होने दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि इन पवित्र अवशेषों के भारत से मंगोलिया आने पर भारत और मंगोलिया के बीच ऐतिहासिक संबंध और भी सु²ढ़ होंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि शिष्टमंडल के माध्यम से भारत भगवान बुद्ध के शांति संदेशों को विश्व तक पहुंचा रहा है। उन्होने आगे कहा कि मंगोलिया के लोग भारत के साथ मजबूत संबंधों से प्रसन्न हैं तथा वे भारत को ज्ञान के एक स्रोत के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि मंगोलिया के लोगों के दिल और दिमाग में भारत का एक विशेष स्थान है।