रालेगन-सिद्धि (महाराष्ट्र), 29 जनवरी (आईएएनएस)। गांधीवादी नेता अन्ना हजारे एकबार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन की शुरुआत कर सकते हैं।
अन्ना ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि वह लोकपाल विधेयक लागू करने और भारतीय नागरिकों द्वारा विदेशी बैंकों छुपाए गए काले धन को वापस लाने के लिए एकबार फिर अभियान शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।
हजारे ने बुधवार रात संवाददाताओं से कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों से वादा किया गया था कि भाजपा के सत्ता में आने के 100 दिन के अंदर काला धन वापस लाया जाएगा और सभी के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराए जाएंगे, लेकिन अब तक 15 रुपये भी नहीं आया है।”
हालांकि, 77 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रदर्शन के लिए किसी समय की घोषणा नहीं की, लेकिन करीब छह महीने के बाद इसे शुरू करने के संकेत दिए हैं।
पुराने साथियों किरन बेदी और अरविंद केजरीवाल के उनके साथ न होने से अप्रभावित अन्ना ने कहा कि वह किसी भी तरह की राजनीति पर बात नहीं करेंगे।
अन्ना ने कहा, “मैं चिंतित नहीं हूं। यह भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए लोगों का आंदोलन है। यह समय की मांग है। लोग आ-जा सकते हैं, लेकिन जनता और मुद्दे बरकरार रहते हैं, आंदोलन नहीं रूकेगा।”
अन्ना ने कहा कि उन्होंने लोकपाल और लोक आयुक्त के मसले पर प्रधानमंत्री को तीन चिट्ठियां लिखी हैं, लेकिन सिर्फ एक के उनके पास पहुंचने की सूचना मिली।
उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बावजूद एक साल से लटका हुआ है और नई सरकार खुद किए वादे से मुकर रही है।