भोपाल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से एक प्रहरी की हत्या कर फरार हुए प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकवादियों को पुलिस ने आठ घंटों के भीतर मुठभेड़ में मार गिराया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने जेल के पांच अफसरों को निलंबित कर दिया और जेल के अतिरिक्त महानिदेशक को पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर सोमवार को संवाददाताओं से चर्चा में आठों आतंकवादियों को मार गिराने की पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और आतंकवादियों के फरार होने की घटना को चिंताजनक बताया।
उन्होंने कहा, “ये आतंकवादी सिर्फ इस राज्य के लिए ही नहीं, देश के लिए भी चिंता का विषय रहे हैं। इस मसले पर मेरी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर चर्चा हुई है। उन्होंने मेरे अनुरोध पर आतंकवादियों के फरार होने की जांच एनआईए से कराने की बात कही।”
भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय जेल से रविवार की देर रात फरार हुए आठ आतंकवादी गुनगा थाना क्षेत्र के अचारपुरा के मड़ीखेड़ा पठार में पुलिस से हुई मठभेड़ में मारे गए। यह पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स व हॉक फोर्स की संयुक्त कार्रवाई थी।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने पुलिस पर फायरिंग की और भागने की कोशिश की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आठों आतंकवादी मारे गए। आतंकवादी रात लगभग तीन बजे फरार हुए थे और दिन के लगभग 11 बजे उन्हें मार गिराया गया।
आतंकवादी सेल से बाहर कैसे निकले, इस सवाल पर प्रमुख सचिव (जेल) विनोद सेमवाल ने मीडिया से कहा, “हमारे लोगों की मिलीभगत के बगैर आतंकवादियों का सेल से निकलना संभव नहीं है। लगता है, प्रहरी की ड्यूटी बदलने के दौरान यह वाकया हुआ। मामले की जांच की जा रही है।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी जेल की दीवार फांदकर गुनगा थाना क्षेत्र के अचारपुरा की ओर भागे थे। वहां खेतों में सिंचाई के काम मे लगे किसानों ने कुछ लोगों को एक तालाब पर हाथ मुंह धोते हुए देखा तो उन्हें शक हुआ कि कहीं ये चोर तो नहीं। उन्होंने शोर मचाया, जिस पर संदिग्ध लोग जंगल की ओर भाग गए। बाद में किसानों ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने भागते आतंकवादियों को घेर लिया।
पुलिस का दावा है कि आतंकवादियों ने उन पर गोली चलाई, जिसके जवाब में हुई फायरिंग में आठों आतंकवादी मारे गए। उनके पास से एक चाकू भी बरामद किया गया। जल में बंद आतंकवादियों के पास हथियार कहां से आए, यह भी जांच का विषय है।
भोपाल के केंद्रीय कारागार के बी ब्लॉक में बंद सिमी आतंकवादियों में से आठ ने दिवाली की रात जेल से भागने की योजना बनाई। आतंकवादी अमजद, अकील, जाकिर, शेख महबूब, सलीक, खालिद, शेख मुजीब और माजिद ने जेल के प्रहरी रमाशंकर की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी और दूसरे प्रहरी चंदन के हाथ-पैर बांध दिए। उसके बाद एक दरवाजे को तोड़कर ओढ़ने को मिली चादरों की रस्सी बनाकर दीवार फांदे और फरार हो गए।
आतंकवादियों के फरार होने के बाद राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने आईएएनएस को बताया कि आतंकवादी रविवार की देर रात 12 से दो बजे के बीच फरार हुए। यह जानकारी मिलने पर भोपाल से जुड़ी सभी सीमाओं को सील कर दिया गया और सुरक्षा बढ़ा दी गई।
सिंह ने माना कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों ही जेल की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे, उसके बाद यह घटना होना चिंताजनक है।
गृहमंत्री भूपेंद्र ने आगे कहा कि जेल के पांच अधिकारियों उप महानिरीक्षक, अधीक्षक, उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक और मुख्य जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को उनके पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन्हीं आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जेल कर्मचारियों और अधिकारियों को बर्खास्त तक किए जाने में हिचक नहीं होगी।
आतंकवादियों के मारे जाने से पहले मुख्यमंत्री ने फरार आतंकवादियों का सुराग देने वालों को पांच-पांच लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। उन्होंने पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नंदन दुबे को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।