पुणे, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भारत में सामाजिक क्रांति की भविष्यवाणी की है। उन्होंने रविवार को कहा कि जब जाति, मत और धर्म पर विचार किए बिना भूख और अभाव का कष्ट झेल रहे लोग एकजुट हो जाएंगे, तो सामाजिक क्रांति हो जाएगी।
कन्हैया ने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान लगातार दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्य मुद्दों का समाधान किए बगैर देश को जाति और संप्रदाय के आधार पर बांटना चाहती है।
कन्हैया ने पुणे में एक रैली में कहा, “भूख सबको लगती है। लोगों के लिए नौकरी, भोजन और पानी का जो वादा किया गया था, उसका क्या हुआ? यह भूख ही लोगों को एक दिन एकजुट करेगी और वे सड़कों पर उतर आएंगे।”
कन्हैया ने मोदी सरकार द्वारा मीडिया में बड़े-बड़े विज्ञापन देने, रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ और टेलीविजन प्रचार पर ‘जनता का पैसा बर्बाद करने पर’ भी सवाल उठाया।
कन्हैया ने कहा, “सबसे पहले उनकी अपनी मां थीं, उसके बाद गौ माता आ गईं और अब भारत माता हैं। वे यह तय करना चाहते हैं कि लोग क्या खाएं, कौन सा त्यौहार मनाएं और कौन से कपड़े पहनें? आपको यह अधिकार किसने दिया?”
उन्होंने कहा, जनता को ‘जुमले’ (झूठे वादे) देना बंद करें। लोग नौकरी या बेरोजगारी भत्ता और सामाजिक सुरक्षा चाहते हैं। जैसा कि बी. आर. अंबेडकर ने सपना देखा था, देश से जाति प्रथा को पूरी तरह समाप्त करें।
कन्हैया ने दावा किया था कि रविवार की सुबह जेट एयरवेज के विमान में उनकी जान लेने की कोशिश की गई थी।
कन्हैया ने वामपंथियों, युवकों एवं दलितों की बड़ी भीड़ को संबोधित किया। उन्हें सुनने के लिए बाल गंधर्व हॉल खचाखच भरा हुआ था। भीड़ में कई हस्तियां भी मौजूद थीं। हाल के अंदर जितनी भीड़ थी, उतनी ही हाल के बाहर और आस-पास की सड़कों पर भी थी।