नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बुधवार को अपने संबंधों को व्यापक सामरिक साझेदारी के स्तर पर ले जाते हुए ऊर्जा, सुरक्षा व रक्षा सहयोग सहित 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाड़ी देश को भारत की विकास गाथा में खाड़ी देश को एक अहम साझेदार बताया।
संयुक्त निवेश कोष पर अपेक्षित एक समझौते पर हस्ताक्षर हालांकि नहीं हो पाया, जबकि यूएई ने भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 75 अरब डॉलर के निवेश के प्रति बचनबद्धता जताई थी।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, इस बात पर हालांकि पहले ही सहमति बन चुकी है कि दोनों देशों के बीच के संबंधों को व्यापक सामरिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया जाएगा। बुधवार को हुआ समझौता उस समझौते की सामान्य रूपरेखा है, जो व्यापक सामरिक समझौते के तहत चिन्हित द्विपक्षीय सहयोग के उन क्षेत्रों को दर्शाता है, जिसपर साल 2015 में मोदी के यूएई के दौरे के दौरान तथा फरवरी 2016 में शेख मोहम्मद के भारत दौरे के दौरान एक उच्चस्तरीय संयुक्त बयान में सहमति जताई गई थी।
दोनों देशों ने 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से एक द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने को लेकर है।
अबुधाबी के राजकुमार और यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान के साथ वार्ता के बाद मोदी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “संयुक्त अरब अमीरात दुनिया के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत का एक बेहद अहम साझेदार और मित्र है।”
मोदी ने कहा, “भारत की विकास गाथा में हम यूएई को एक महत्वपूर्ण साझेदार समझते हैं। मैं खासकर भारत की अवसंरचना के क्षेत्र में यूएई के हितों का स्वागत करता हूं।”
उन्होंने कहा कि विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों में हमारे विकास से जुड़कर खाड़ी देश लाभ उठा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था, मानव पूंजी तथा स्मार्ट शहरीकरण के उद्देश्य को लेकर हमारी पहलों में अपार अवसरों का हम साथ मिलकर फायदा उठा सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “गुणवत्ता तथा द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए हम दोनों देशों के व्यापार व उद्योगों को उत्साहित करने के साथ ही सुविधा प्रदान कर रहे हैं।”
ऊर्जा साझेदारी को दोनों देशों के संबंधों के बीच एक मुख्य कड़ी करार देते हुए मोदी ने कहा कि शेख मोहम्मद ने विशिष्ट परियोजनाओं तथा प्रस्तावों के माध्यम से ऊर्जा संबंधों को एक रणनीतिक दिशा में ले जाने के तरीकों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, “इस संबंध में, ऊर्जा के क्षेत्र में दीर्घावधि के लिए आपूर्ति ठेका व संयुक्त उपक्रमों की स्थापना लाभदायक उपाय हो सकता है।”
यूएई भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने वाला महत्वपूर्ण देश है और साल 2015-16 के दौरान भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला शीर्ष पांचवां देश रहा।
बुधवार को हुए समझौतों में एक भारत की सामरिक सुविधा को तेल भंडारण व प्रबंधन से संबंधित है।
मोदी ने कहा कि सुरक्षा व रक्षा सहयोग एक अन्य क्षेत्र है, जिसने हमारे विकसित होते संबंधों को नया आयाम दिया है।
उन्होंने कहा, “हमने समुद्री क्षेत्र सहित रक्षा के कई अन्य क्षेत्रों में अपने उपयोगी सहयोग का विस्तार करने पर सहमति जताई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “रक्षा सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आज सुबह हस्ताक्षर हुआ, जो रक्षा में हमारी गतिविधि को सही दिशा प्रदान करेगा।”
एमओयू का उद्देश्य अध्ययन, शोध, विकास व नवोन्मेष के माध्यम से चिन्हित रक्षा विनिर्माण तथा प्रौद्योगिकी में सहयोग स्थापित करना तथा दोनों देशों के सरकारी तथा निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग स्थापित करना है।
मोदी ने हिसा व कट्टरवाद से निपटने के लिए दोनों देशों को सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “यह सभी पड़ोसी देशों के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे साथ आने से क्षेत्र को स्थिर करने में मदद मिलेगी और हमारी आर्थिक साझेदारी क्षेत्रीय तथा वैश्विक समृद्धि का स्रोत बन सकती है।”
मोदी ने कहा, “हम अपने संबंधों में नया तालमेल कायम करने में सफल रहे हैं और हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी को उद्देश्यपूर्ण और कार्रवाई उन्मुख बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी खाका तैयार किया है।”
मोदी ने कहा, “मैंने यूएई में भारतीय नागरिकों के हितों का ख्याल रखने के लिए महामहिम के प्रति आभार व्यक्त किया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अबुधाबी में एक मंदिर के निर्माण के लिए भूमि आवंटन के लिए भी राजकुमार को धन्यवाद दिया।
तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को भारत पहुंचे शेख मोहम्मद गुरुवार को देश के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।