जैसा कि हिन्दुस्तान टाइम्स ने लिखा, यह नये प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार अभियान का एक मुख्य नारा था। लेकिन प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित नदी की सफाई करना कोई आसान काम नहीं होगा। गंगा के बेसिन में 50 करोड़ लोग रहते हैं जो कि नदी का पानी रोज़मर्रे की ज़रूरतों, उद्योग और कृषि के लिये इस्तेमाल करते हैं। इससे पहले यह लक्ष्य गंगा अद्यतन एवं नदी विकास मंत्रालय के सामने उठाया गया था। दशकों के दौरान महान नदी को बचाने की कई असफल कोशिशें की गयीं। अंततः विश्व बैंक ने इस परियोजना को उच्च जोखिम वाली परियोजनाओं की संख्या में शामिल किया। विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति केवल इस हालत में बदल जायेगी अगर नयी सरकार कुल मिलाकर प्रकृति प्रदूषण का स्तर घटाने हेतु गंभीर कदम उठायेगी।
ब्रेकिंग न्यूज़
- » वायनाड में 2 लाख से ज्यादा वोट से प्रियंका ने बनाई बढ़त
- »
- » मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष बनीं नूरी खान
- » पुतिन का आदेश:Russia में बड़े पैमाने पर मोबाइल न्यूक्लियर वार शेल्टर का उत्पादन
- » PM मोदी को अब ये 2 देश देंगे अपना सर्वोच्च पुरस्कार
- » उत्पन्ना एकादशी कब है,शुभ मुहूर्त और जानें महत्व
- » दिल्ली में AQI 500 के पार, कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी
- » Delhi Air Pollution: दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में स्कूल कल से रहेंगे बंद
- » लाहौर:प्रदूषण के चलते सरकार ने लागू किया कंप्लीट लॉकडाउन
- » सागर में स्लीपर बस पलटी, 12 यात्री घायल