तिरुवनंतपुरम- आंध्र प्रदेश का नेल्लोर जिला बहुत जल्द देश का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जहां सबसे ज्यादा स्कूलों में ई-टॉयलेट की व्यवस्था है और यह संभव हो पाया है केरल की इरम साइंटिफिक सोल्युशंस की मदद से, जो इन इलेक्ट्रॉनिक टॉयलेट की निर्माता कंपनी है। इरम, स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत टाटा कंसल्टेंसी सर्विस की सीएसआर पहल के तहत नेल्लोर के 316 स्कूलों में स्वचालित, साफ-सुथरे, मानवरहित ई-टॉयलेट का निर्माण कर रही है।
इरम एंड आईटीएल ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीएमडी सिद्दीक अहमद ने बताया कि यह स्वच्छ भारत अभियान को नई तकनीक और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आगे बढ़ाने की पहल है और हम खुश हैं कि इस काम में टीसीएस आगे आकर देश के लिए स्वच्छता मॉडल का निर्माण कर रहा है।
ई-लाइट14 ई-टॉयलेट नाम के इस मॉडल को स्कूलों के लिए विकसित किया गया है, जो मानवरहित है और यहां स्वचालित प्रणाली की मदद से खुद-ब-खुद साफ सफाई होती है।
इन ई-टॉयलेट का आधार स्टेनलेस स्टील का बना है। यहां पर्याप्त रौशनी और हवा आने-जाने का रास्ता है और बिजली के बिना भी स्वचालित प्रणाली काम करती है।
एक ई-टॉयलेट की लागत एक लाख रुपये है और इसकी खरीद पर बीमा के साथ एक साल की मुफ्त वारंटी भी मिलती है। यह ई-टॉयलेट सौर ऊर्जा या इलेक्ट्रिक ग्रिड की सहायता से काम करता है।
इरम साइंटिफिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनवर सादथ ने कहा, “स्वच्छ भारत अभियान के तहत नए नवाचारों के लिए स्थान बनाना था और बदलाव को अपनाना था, न कि ईंट और मोर्टार से बने सदियों पुरानी संरचना के साथ ही जीना था। हम इससे कहीं बेहतर और सुविधाजनक टॉयलेट के विकास की परिकल्पना कर रहे हैं और स्वच्छता को बड़े पैमाने पर जीवन में क्रियान्वित करने के बारे में सोच रहे हैं।”