इस संयुक्त सैन्याभ्यास में भारत और चीन के 300 से अधिक सैनिकों ने समापन समारोह में हिस्सा लिया।
समापन समारोह में शामिल सैनिकों ने ग्रेनेड लांचर, मोर्टार, टैंकरोधी मिसाइलें, अग्निप्रेक्षपक और एवं अन्य हथियारों का अभ्यास किया।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की चेंगदू सैन्य एरिया कमांड के डेप्यूटी चीफ ऑफ स्टाफ झांग बिंग ने कहा कि चीन और भारत ने हाल के वर्षो में एकदूसरे को सैन्य अभ्यास और सैनिकों के प्रशिक्षण में सहयोग देते रहे हैं।
झांग ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह का यह पांचवां सैन्याभ्यास है, जो आंतकवाद पर रोकथाम पाने और विकास के लिए बेहतर माहौल तैयार करने में एकदूसरे को सहयोग देने की भारत की भावना को दर्शाता है।
12 अक्टूबर को शुरू हुए इस सैन्याभ्यास में कुल तीन चरण थे। पहले चरण में हथियारों का प्रदर्शन और मिलिट्री जुलूस, दूसरे चरण में सैनिकों का प्रशिक्षण और तीसरे चरण में एकीकृत सैन्य अभ्यास शामिल थे।
संयुक्त सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले सैनिकों ने आतंकवाद रोधी कार्यवाहियों जैसे प्रायोगिक गोलीबारी, रणनीतिक केबलों को काटना और मकानों को खाली कराने जैसे कार्यो का अभ्यास किया।