नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई-अगस्त में केरल यात्रा के दौरान सदियों पुरानी जुमा मस्जिद जा सकते हैं। भारत में पहली मस्जिद सातवीं सदी में ही बन गई थी।
केरल के त्रिशुर जिले में स्थित इस मस्जिद का निर्माण 629 ईस्वी हुआ था। चेरामन मस्जिद का निर्माण मलिक बिन दीनार ने कराया था। मलिक दीनार कोडुंगालुर के शासक चेरामन पेरुमल का समकालीन था। चेरामन पेरुमल ने मक्का की यात्रा की और इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। पेरुमल ने ही मक्का के लोगों को भारत में इस्लाम का प्रचार करने के लिए आमंत्रित किया था। कहा जाता है कि उनके न्योते पर ही मलिक बिन दीनार और मलिक बिन हबीब भारत आए और इस मस्जिद का निर्माण कराया।
जुमा मस्जिद के पीएम मोदी के दौरे का मुख्य मकसद केरल टूरिज्म के मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन करना है। केरल के पर्यटन सचिव जी कमला वर्द्धन ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, ‘प्रधानमंत्री ने मुजिरिस प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए केरल दौरे के लिए हामी भरी है। हालांकि अभी तक तारीख तय नहीं हुई है।’
बताया जाता है कि इस मस्जिद में मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म के लोग भी जाते हैं। इस मस्जिद में एक दिया है जिसमें सभी धर्मों के लोग तेल डालते हैं। मुस्लिम ऐजुकेशन सोसाइटी के प्रेजिडेंट डॉ. फैजल गाफूर कहते हैं, ‘अगर मोदी मस्जिद जाते हैं तो यह स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि बीजेपी के लोग यह प्रॉपेगैंडा फैलाते रहे हैं कि भारत में मुस्लिम आक्रमणकारियों की औलाद हैं।’
चेरामन जुमा मस्जिद के व्यवस्थापक फैजल का कहना है, ‘स्पेशल ब्रांच के ऑफिसर्स मस्जिद आए थे, उन्होंने सुरक्षा संबंधी चीजों की जानकारी ली, जैसे प्रवेश द्वारों की संख्या या अन्य रास्ते आदि। पीएम के कोडुंगालुर दौरे के संबंध में यह जानकारियों जमा की गईं।’ नरेंद्र मोदी यहां एक मंदिर और चर्च का भी दौरा कर सकते हैं।
साभार खबरइंडियाटीवी डॉट कॉम से