वाशिंगटन, 28 मार्च (आईएएनएस)। भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी एक नए चरण में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का ध्यान इसे आगे बढ़ाने के लिए रचनात्मक व यथार्थवादी मार्ग ढूंढने पर केंद्रित है।
वाशिंगटन, 28 मार्च (आईएएनएस)। भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी एक नए चरण में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का ध्यान इसे आगे बढ़ाने के लिए रचनात्मक व यथार्थवादी मार्ग ढूंढने पर केंद्रित है।
वाशिंगटन के एक थिंक टैंक से उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम भारत-अमेरिका संबंधों के एक परिवर्तनकारी समय के साक्षी रहे हैं।”
‘स्ट्रेटेजिक प्लस : टेकिंग यूएस-इंडियन रिलेशंस टू न्यू लेवल’ पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है, इसलिए हम उसकी महत्वपूर्ण शक्ति बनने की इच्छा का समर्थन करते हैं।”
भारत का राजदूत बनने के बाद पहली बार वाशिंगटन पहुंचे वर्मा ने कहा, “वैश्विक चुनौतियों पर हम भारत के रचनात्मक नेतृत्व का भी स्वागत करते हैं।”
इस बात की चर्चा करते हुए कि संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए और क्या किए जा सकते हैं, वर्मा ने कहा, “यह कहना सही होगा कि हमारे पास एक बड़ा एजेंडा है और इस साझेदारी के लिए एक बड़ा उद्देश्य भी है।”
वर्मा ने कहा, “सभी को आगे बढ़ाने के लिए हमारा ध्यान रचनात्मक व वास्तविक मार्गो पर केंद्रित है।”
उन्होंने कहा, “हमारे नेता इस बात को मान्यता देते हैं कि दुनिया भर में अधिक से अधिक शांति, समृद्धि तथा सुरक्षा के लिए अमेरिका-भारत साझेदारी एक बल हो सकता है।”
वर्मा ने कहा, “भारत को अपना ध्यान दुनिया पर केंद्रित करना चाहिए या अपने देश पर और क्या उसे अपनी विदेश नीति को सीमित करना चाहिए, इस बात को लेकर दिल्ली में अभी भी एक रणनीतिक व आर्थिक बहस जारी है।”
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमें अपनी उम्मीदों का प्रबंधन करने की भी जरूरत होती है।”
वर्मा ने कहा, “अगर हम असहमत होते हैं, तो हमें उसी के अनुसार काम करना होता है।”
उन्होंने कहा, “अगर हम उन्हीं शर्तो पर आगे बढ़ना जारी रखते हैं, तो हम कितना आगे बढ़ सकते हैं और आगामी सालों या दशकों के दौरान हम कितनी उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं, इस संदर्भ में कुछ सीमाएं होंगी।”