नई दिल्ली- भारती एयरटेल मुंबई की कंपनी लूप मोबाइल को खरीदने के 700 करोड़ रुपये के सौदे से पीछे हट गई है। इस बात की दोनों पक्षों ने पुष्टि की है। लूप मोबाइल के मुख्य संचालन अधिकारी सूर्या महादेवन ने आईएएनएस से कहा, “हां, यह सच है कि भारती एयरटेल सौदे से पीछे हट गई है।”
भारती ने एक बयान में कहा, “लूप ने पिछली शाम हमें एक ई-मेल भेजा और बताया कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) से अब तक मंजूरी नहीं मिली है और इस सौदे की प्रभाव अवधि समाप्त हो चुकी है।”
बयान में कहा गया है, “इस जानकारी के बाद और यह देखते हुए कि लूप के मोबाइल लाइसेंस की वैधता अवधि इस महीने के आखिर तक पूरी होने वाली है, हमने वार्ता समाप्त करने का फैसला किया है।”
इस सौदे के लिए एक डिफिनिटिव समझौता फरवरी 2014 में हुआ था।
सूत्र ने कहा कि अन्य डिफिनिटिव समझौते की तरह यह समझौता भी समय सापेक्ष था और इसका प्रभाव 30 अक्टूबर, 2014 को समाप्त हो गया। दोनों पक्षों की रजामंदी से इसे नवीनीकृत किया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
लूप और भारती ने दूरसंचार विभाग को इस सौदे की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। विभाग से अब तक अनुमति नहीं मिली है, क्योंकि लूप मोबाइल और लूप टेलीकॉम पर स्पेक्ट्रम और अन्य मद में सरकार के 808 करोड़ रुपये बकाया है।
सौदा यदि पूरा होता तो भारती को मुंबई में लूप के 30 लाख ग्राहक मिल जाते।
लूप को मुंबई में मिला परमिट 29 नवंबर 2014 को समाप्त हो रहा है। अगस्त तक कंपनी के पास करीब 17 लाख ग्राहक रह गए थे।
लूप मोबाइल ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से अतिरिक्त पोर्टिग कोड (यूपीसी) जारी करने का अनुरोध किया था, ताकि लूप के सभी ग्राहकों को पोर्टआउट की सुविधा मिल सके।
बुधवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज में भारती एयरटेल के शेयर 2.70 फीसदी गिरावट के साथ 385.30 रुपये पर बंद हुए।