(अनिल सिंह)
– भारतीय संस्कारों और सभ्यता में नारी को शक्ति का उच्च स्थान दिया है,भगवान राम ने भी मर्यादा पुरुषोत्तम का उदाहरण समाज के सामने स्थापित किया है,इतिहास में भी कृष्ण को पुरुषोत्तम की उपाधि से पुकारा गया है ना की मर्यादा पुरुषोत्तम की और उसी नारी की अस्मिता के संरक्षण के लिये शुरू किये गये कार्यक्रम को कलाकर आमिरखान की अगुवाई में किया गया और महिमामंडित किया गया,जबकि यही आमिर दो-दो महिलाओं की जिंदगी का अपराधी है कानूनी रूप से ,बाकी अन्य के साथ खबरों में रहा,ये अधिकारी इससे कार्यक्रम की शुरुआत मंहगे होटलों में करवाकर भारतीय समाज को क्या देना चाहते हैं यह समझ से परे है.
रीना दत्ता के बाद किरण राव
आमिर ने पहली शादी रीना दत्ता से सन् 1987 में की और 2002 में उसे तलाक दे दिया भारतीय सभ्यता में इतनी लम्बी शादी वह भी दूसरी औरत के लिये या तो कलाकारों की दुनिया में हुई या बहुत अमीर वर्ग में जिन्हें समाज,सभ्यता से कोई लेना,देना नहीं.वे तो बस अपने लिये जीते हैं,समाज और राष्ट्र से वे मात्र धन-पशु की तरह धन कमाते हैं ना की आदर्श स्थापित करते हैं.भगवान राम ने राजा होते हुए भी आम भारतीय समाज के लिये एक नारी ब्रह्मचारी का व्रत लिया तथा समाज को आदर्श जीवन जीने का संदेश दिया लेकिन वे राम जिन्होने शोषित,पीड़ित नारी का उत्थान किया जो भारतीयों के मन में निवास करते हैं उनके आदर्शों को धता बताते हुए इन उच्चवर्गीय अधिकारियों ने और शासन नें आमिरखान जैसे को चुना,क्या यही व्यक्ति कल हमारे युवाओं का आदर्श होगा? आमिरखान ने 2005 में किरण राव से दूसरी शादी की और पूर्व पत्नी से इतने लम्बे जीवन को खत्म कर उस नारी के जीवन में अंधकार भर दिया.भारतीय नारी जो पति को ही अपना सब कुछ मानती है,उस पर क्या बीती होगी जब तलाक हुआ होगा और उसे इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम का अगुआ बना दिया गया.
क्या यही राम-राज्य की अवधारणा का संदेश हमारे युवाओं तक जायेगा?
शिवराज सिंह चौहान से जब मैने पूछा था की क्या वे राम-राज्य की अवधारणा के लिये संकल्पित हैं ? उनका जवाब था हाँ- मुझे तो कहीं नहीं दिखता की उन्होने कोई प्रयास भी किया है,पत्रकारों पर हमले और कुछ नहीं होता,प्रशासन में भ्रष्टाचार और कुछ नहीं होता,नारी की अस्मिता से खिलवाड़ की घटनाओं में वृद्धि कुछ नहीं होता,उनके खास मंत्री जो उनके सलाहकार भी हैं नारी उत्पीड़न में डूबे हुए हैं ,शिवराज को कुछ नहीं होता,उनके वृद्ध मंत्री भी वानप्रस्थ आश्रम की जगह भोग-विलास में डूबे हुए हैं कुछ नहीं होता क्या यही राम-राज्य की तरफ हम जा रहे हैं?आज हमारा युवा भटका हुआ है,वह भ्रमित है उसे ऐसे चेहरे की आवश्यकता है जो उसके लिये रोल मॉडल हो,जिसके जीवन के आदर्शों से वह अपने जीवन,समाज के जीवन और राष्ट्र को सम्यक उन्नति के पथ पर ले जा सके लेकिन हम तो आमिरखान को अपना आदर्श बनाते हैं,क्या आमिर राम -राज्य स्थापना में सहयोगी होंगे,हम जानते हैं की यह पथ बहुत कठिन है तब भी ऐसे व्यक्तियों को आयेज लाते हैं जो समाज के युवाओं को भटका देते हैं ना की दिशा देते हैं क्या यही हैं भारतीय सभ्यता के “ब्रांड एम्बेसेडर”?