Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 भारतीय सड़कों पर चीन से दोगुनी मौतें | dharmpath.com

Friday , 31 January 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » फीचर » भारतीय सड़कों पर चीन से दोगुनी मौतें

भारतीय सड़कों पर चीन से दोगुनी मौतें

May 12, 2015 8:18 pm by: Category: फीचर Comments Off on भारतीय सड़कों पर चीन से दोगुनी मौतें A+ / A-

images (1)नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस/इंडियास्पेंड)। चीन की तुलना में भारत में आबादी और वाहनों की संख्या कम होने के बाद भी सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या भारत में चीन की तुलना में दोगुने से अधिक है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रपट ‘भारत में सड़क दुर्घटना-2013’ के मुताबिक, भारत में रोजाना औसतन 377 लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है। यह दुनिया में सर्वाधिक है। अधिकतर हादसे असुरक्षित रूप से या लापरवाही से वाहन चलाने के कारण होते हैं।

21वीं सदी के शुरू होने पर जब चीन हर मामले में भारत से आगे दिखाई पड़ रहा था, तब एक मामला ऐसा था जहां भारत चीन से बेहतर था। तब चीन में सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या भारत से अधिक थी।

2005 तक हालांकि स्थिति बदल गई। चीन में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतें एक-तिहाई रह गईं। इसी अवधि में भारत में इस तरह से होने वाली मौतें 41 फीसदी बढ़ गईं।

2011 से 2013 के बीच हालांकि इस प्रकार की मौतें भारत में 3.4 फीसदी घटी हैं।

ऐसा आम तौर पर बुनियादी सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने के कारण होता है।

2013 में भारत में शराब या नशीले पदार्थो के कारण जितनी मौतें हुईं, उससे 73 फीसदी कम मौतें ब्रिटेन में दुर्घटनाओं में हुईं। उल्लेखनीय है कि भारत में शराब या नशीले पदार्थो से होने वाली मौतों का अनुपात सड़क दुर्घटना में होने वाली कुल मौतों का सिर्फ पांच फीसदी है।

उस वर्ष भारत में नशे की हालत में वाहन चलाने से हुई दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 6,463 थी (घायलों की संख्या 20,081), जबकि ब्रिटेन में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की कुल संख्या 1,713 थी।

आंकड़ों के मुताबिक, देश में 41 फीसदी या 56,529 मौतें सीमा से अधिक तेज गति से वाहन चलाने से होती है।

आंकड़ों के मुताबिक, सीमा से अधिक वजन ढोने के कारण 20.8 फीसदी और बोझ के वाहन से बाहर निकले हुए होने के कारण 7.1 फीसदी मौतें हुईं। इनमें से अधिकतर मौतें मानवीय गलती से या बुनियादी सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने से हुई हैं। यानी सावधानी बरतकर इन दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।

78 फीसदी दुर्घटनाओं में गलती चालक की होती है।

वाहन में किसी तरह की खामी, पैदल यात्री, साइकिल यात्री और सड़क की हालत जैसे कारक 25 फीसदी से कम दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं।

सिर्फ पांच फीसदी सड़कों पर निगरानी बढ़ाकर इन हादसों को कम किया जा सकता है।

देश में कुल सड़कों का 1.58 फीसदी हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग है और 3.38 फीसदी हिस्सा राजकीय राजमार्ग है। 2013 में इन दो प्रकार की सड़कों पर दुर्घटनाओं में 60 फीसदी से अधिक मौतें हुईं।

इन सड़कों पर बेहतर निगरानी, नियम अनुपालन और आपात सहायता बढ़ाकर दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली कुल मौतों में 37 फीसदी मौतें शहरी क्षेत्रों में और शेष ग्रामीण क्षेत्रों में होती हैं। यह आबादी के अनुपात के मुताबिक ही है।

अधिकतर मौतें दोपहिया वाहन चालकों या सवारियों की होती हैं। इनका अनुपात 25 फीसदी से अधिक यानी, 39,353 रही है।

इसका एक कारण यह भी है कि सड़क पर सबसे अधिक दोपहिया वाहन ही होते हैं और इसे चलाने वाले या इस पर साथ बैठने वालों का जोखिम अन्य प्रकार के वाहनों में बैठने वालों से अधिक होता है।

यदि दोपहिया वाहन चलाने वालों और और इस तरह के वाहन पर बैठने वालों के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया जाए, तो मौतों की संख्या घटाई जा सकती है। कुछ ही शहरों में यह अनिवार्य है और उनमें भी अधिकतर में यह सिर्फ चालक के लिए ही अनिवार्य है।

इसके उलट कई शहरों में तों हेलमेट अनिवार्य करने वाले नियमों के विरुद्ध आंदोलन चल रहे हैं।

जैसे भारत में बिकने वाले सभी कारों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य कर दिया गया है, उसी प्रकार मोटरसाइकिल बेचने के लिए हेलमेट साथ बेचना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए और इसे पहनना भी।

आंकड़ों के मुताबिक, 12,536 पैदल यात्रियों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई। इसका कारण वाहन चालकों और पैदल राहियों में यातायात नियमों को तोड़ने का उतावलापन है। इसका एक अन्य कारण पैदल पथों और पैदल पार पथों की समुचित सुविधा का अभाव भी है।

(एक गैर लाभकारी, जनहित पत्रकारिता मंच, इंडियास्पेंड डॉट ऑर्ग के साथ एक व्यवस्था के तहत। अमित भंडारी मीडिया, शोध और फायनेंस पेशेवर हैं। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बीएचयू से बीटेक और भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद से एमबीए हैं।)

भारतीय सड़कों पर चीन से दोगुनी मौतें Reviewed by on . नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस/इंडियास्पेंड)। चीन की तुलना में भारत में आबादी और वाहनों की संख्या कम होने के बाद भी सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या भारत मे नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस/इंडियास्पेंड)। चीन की तुलना में भारत में आबादी और वाहनों की संख्या कम होने के बाद भी सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या भारत मे Rating: 0
scroll to top