वाशिंगटन, 16 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के बुनियादी संरचना और रेल सुरक्षा व क्षमता निर्माण के क्षेत्र में दीर्घकालीन निवेश के इच्छुक अमेरिकी निवेशकों को मदद मुहैया कराने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहमति बनी है।
वाशिंगटन, 16 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के बुनियादी संरचना और रेल सुरक्षा व क्षमता निर्माण के क्षेत्र में दीर्घकालीन निवेश के इच्छुक अमेरिकी निवेशकों को मदद मुहैया कराने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहमति बनी है।
अमेरिका दौरे के दौरान रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अमेरिकी परिवहन मंत्री एंथनी फॉक्स से मुलाकात की और परिवहन क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
फॉक्स की पिछले साल अप्रैल में हुई भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच परिवहन क्षेत्र में निवेश को लेकर सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
प्रभु ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग और व्यापार सहयोग को लेकर सहमति बनी है।
प्रभु ने आज यहां अमेरिकी एक्जिम बैंक के अध्यक्ष पी. हॉचबर्ग के साथ मुलाकात में भारत के रेल क्षेत्र में होनेवाले निवेश और व्यापार के अवसरों का लाभ लेने के लिए भारत को ध्यान में रखकर एक विशिष्ट वित्तपोषण मॉडल की संभावना पर चर्चा की।
प्रभु ने इसके अलावा ओवरसीज प्राइवेट इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन (ओपीआईसी) के अध्यक्ष व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलिजाबेथ एल. लिटलफील्ड से मिलकर भारत के रेल क्षेत्र में वित्तीय निवेश को लेकर चर्चा की।
विश्व बैंक के ‘परिवहन में बदलाव’ सम्मेलन में प्रभु ने कम लागत में टिकाऊ परिवहन मुहैया कराने में भारतीय रेल की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की।
विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम के अधिकारियों के साथ मुलाकात में प्रभु ने भारतीय रेलवे के विस्तार, आधुनिकीकरण, विकेंद्रीकृत निर्णय लेने, दक्षता में सुधार और ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के प्रयासों पर चर्चा की।
उन्होंने विश्व बैंक समूह के वरिष्ठ नेतृत्व के समक्ष ‘उनके मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों और किस प्रकार विश्व बैंक भारतीय रेल के साथ व्यापारिक भागीदारी कर सकता है’ विषय पर एक प्रस्तुति पेश की।
विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम भारतीय रेल के साथ मिलकर उसके कठिन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे।
प्रभु ने विश्व संसाधान संस्थान के शीर्ष नेतृत्व के साथ भारतीय रेल द्वारा स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग और संस्थान को ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की।