वाशिंगटन, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय मूल के दो अमेरिकी दोस्तों पर भारतीय टायर कंपनी अपोलो टायर्स लिमिटेड द्वारा कूपर टायर एंड रबर कंपनी के संभावित अधिग्रहण की गुप्त सूचना के आधार पर शेयरों की खरीदी कर अवैध रूप से 11 लाख डॉलर की आय कमाने का आरोप लगाया गया है।
वाशिंगटन, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय मूल के दो अमेरिकी दोस्तों पर भारतीय टायर कंपनी अपोलो टायर्स लिमिटेड द्वारा कूपर टायर एंड रबर कंपनी के संभावित अधिग्रहण की गुप्त सूचना के आधार पर शेयरों की खरीदी कर अवैध रूप से 11 लाख डॉलर की आय कमाने का आरोप लगाया गया है।
अमेरिकी के कनेक्टिकट की एक जिला अदालत में गुरुवार को दर्ज शिकायत में अमेरिकी बाजार विनियामक ने मैसाचुसेट्स के निजी शेयर निवेशक अमित कानोदिया और इफ्तिखार अहमद पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है।
दोनों कनेक्टिकट की एक साझा कैपिटल कंपनी में साझेदार हैं।
एसईसी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन (एसईसी) ने अपने आरोप-पत्र में अहमद के स्वामित्व वाली कंपनी रैकिटफी होल्डिंग्स एलएलसी एवं लिंकन चैरिटेबल फाउंडेशन का नाम शामिल किया है।
दान जुटाने वाली संस्था लिंकन चैरिटेबल फाउंडेशन को कानोदिया द्वारा संचालित माना जा रहा है।
एसईसी ने दोनों आरोपियों से अवैध रूप से कमाई गई राशि ब्याज सहित लौटाने की मांग की है, साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाने की मांग की है।
मैसाचुसेट्स स्थित अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय ने कानोदिया और अहमद के खिलाफ इसके साथ ही आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की बात कही है।
एसईसी ने अपने आरोप में कहा है कि अप्रैल 2013 में भारतीय कंपनी अपोलो टायर्स ओहियो की कूपर टायर कंपनी के बीच अधिग्रहण पर गंभीर चर्चा चल रही थी। हालांकि अधिग्रहण कभी हो नहीं सका। उन्होंने बताया कि जैसे ही अधिग्रहण की घोषणा हुई कूपर टायर्स के शेयर 41 फीसदी तक चढ़ गए थे।
एसईसी ने आरोप लगाया है कि कानोदिया ने अपनी पत्नी से अधिग्रहण के बारे में जानने के बाद अहमद और अपने अन्य दोस्तों को भी अधिग्रहण से पहले ही इसकी सूचना दे दी।
कानोदिया की पत्नी उस समय अपोलो की मुख्य कानूनी सलाहकार थीं।
एसईसी के अनुसार कानोदिया ने अहमद के साथ बेहद गोपनीय सूचना साझा की, जिसके बाद अहमद ने कूपर टायर के शेयर बड़ी मात्रा में खरीद लिए।
इसके बाद जैसे ही कूपर टायर्स के अधिग्रहण की बात सार्वजनिक हुई कूपर टायर्स के शेयरों के दाम तेजी से बढ़े और अहमद ने सारे शेयर बेचकर 11 लाख डॉलर से भी अधिका का मुनाफा कमाया।
एसईसी ने आरोप लगाया है कि अहमद ने इसके बदले कानोदिया के चैरिटेबल फाउंडेशन को 220,000 डॉलर रूपये दान के रूप में ट्रांसफर किए।