नई दिल्ली- भारतीय मुस्लिम आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट और अलकायदा से बहुत कम प्रभावित हैं, ऐसा मुस्लिम नेताओं और विद्वानों का मानना है। वे गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इस राय से सहमत हैं कि भारतीय मुसलमान इन आतंकी संगठनों की विचारधारा से प्रभावित नहीं हैं।
गृहमंत्री ने लखनऊ में हुए मौलाना आजाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद के एक सम्मेलन में कहा कि ये आतंकी संगठन भारत में लोकप्रिय नहीं हो सकते क्योंकि हमारे सांस्कृतिक और पारिवारिक मूल्य बरकरार हैं। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का इकलौता देश है जहां मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को गलत रास्तों पर जाने से रोकता है। केवल भारतीय मुस्लिम परिवारों में ही ऐसा होता है।” इस बात से वहां उपस्थित मौलवी और विद्वानों ने सहमति जताई।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘भारतीय मुसलमान इस्लाम में बताए रास्तों का पालन करते हैं जिसमें कहा गया है कि केवल आत्मरक्षा के लिए बल का प्रयोग करें।’
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना अब्दुल हामिद नोमानी ने भारतीय मुसलमानों के इस्लामिक स्टेट के विचारधारा से प्रभावित होने को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमान इस आतंकवादी समूह और उनके जैसे चरमपंथी समूहों से नफरत करते हैं। जमीयत भारतीय मुस्लिम विद्वानों का संगठन है।
नोमानी ने आईएएनएस को बताया, ‘बहुत कम लोग हैं जो इन संगठनों का साथ देते हैं और वे सभी समाजों में हैं। लेकिन किसी भारतीय मुस्लिम के लिए इन संगठनों के प्रति आकर्षित होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि ये इस्लाम विरोधी हैं।’
सिंह की बात से सहमति जताते हुए द मिली गैजेट नाम की पाक्षिक पत्रिका के संपादक व प्रकाशक जफर उल इस्लाम खान कहते हैं, “भारतीय मुसलमान को हिंसा का समर्थन करना नहीं सिखाया गया है। ‘हमारी परवरिश इस ढंग से की गई है कि हम किसी किस्म की हिंसा का समर्थन नहीं कर सकते। हम शांतिप्रेमी हैं।”
हालांकि उन्होंने कुछ भारतीय मुसलमानों के आईएसआईएस से संबंध होने के शक में प्रताड़ित किए जाने पर सवाल उठाया और कहा, ‘यह बहुत अच्छी बात है कि सरकार ऐसा सोचती है, लेकिन आईएस से संबंध के शक में फिर सरकारी एजेंसियां क्यों मुस्लिम युवाओं को प्रताड़ित करती हैं?’
सरकारी एजेंसियों द्वारा मुस्लिम युवाओं को प्रताड़ित करने का मुद्दा उठाते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मुस्लिमों को कई तरीकों से प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार के लिए जरूरी है कि वह इन मुद्दों पर गौर करे और उन्हें अलग-थलग न छोड़े।’