मुंबई, 30 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फार पीस एंड डेमोक्रेसी (पीआईपीएफपीडी)नाम के संगठन ने बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान में दो भारतीय मछुआरों के नष्ट हो रहे शवों को जल्द भारत लाने के लिए पहल करें।
पीआईपीएफपीडी के महासचिव जतिन देसाई ने एक बयान में कहा कि एक मछुआरे वग्गा चौहान की मौत चार महीने पहले 12 दिसंबर 2015 को हुई थी, जबकि एक अन्य रतन दास की मौत बीती फरवरी की 8 तारीख को हुई। दोनों मछुआरे गुजरात के सौराष्ट्र इलाके के थे।
इन मछुआरों के शव ईदी ट्रस्ट के मुर्दाघर में रखे हुए हैं। परिजन अथक प्रयासों के बावजूद उनके शवों को अंतिम संस्कार के लिए हासिल नहीं कर सके हैं।
देसाई ने कहा, “हम लोगों को जानकारी मिली है कि दोनों मछुआरों के शव खराब होने शुरू हो गए हैं। दोनों शवों को अगर बहुत जल्द नहीं भेजा गया तो ये परिवहन के लायक भी नहीं रह जाएंगे। यह चिंता का विषय है।”
देसाई ने मंगलवार को सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर मृतकों के परिजनों की चिंता और दर्द को समझने की अपील की, जो अंतिम संस्कार करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “जब किसी व्यक्ति की मौत दूसरे देश में हो जाती है तो नैतिक रूप से उसके शव को अगली उड़ान से भेज देना चाहिए। महीनों तक शवों को रोक कर रखने का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। लेकिन, गरीब मछुआरों के साथ ऐसा हमेशा होता है।”
इस मुद्दे पर मानवीय रुख अपनाने के लिए भारत और पाकिस्तान से अनुरोध करते हुए पीआईपीएफपीडी ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों को मृत मछुआरों के संबंध में कोई स्थाई हल निकालना चाहिए, न कि एक दूसरे पर उंगली उठानी चाहिए।