तिब्बत-यह नया मार्ग भारत के सिक्किम राज्य को तिब्बत के नागरी प्रांत के पवित्र माउंट कांगरीबोक पहाड़ तथा मपम युमको झील से जोड़ता है।
चीन ने 22 जून को तीर्थयात्रियों को नाथू ला दर्रे के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। 42 तीर्थयात्रियों का पहला समूह तीर्थयात्रा पूरी कर तीन जुलाई को भारत लौटा था।
फ्रंटियर निरीक्षण केंद्र पर काम करने वाले ली वेनबिन ने कहा कि इस साल नाथू ला दर्रे से कुल 240 भारतीय तीर्थयात्रियों ने प्रवेश किया।
तीर्थयात्रियों के अंतिम जत्थे में शामिल नई दिल्ली के निवासी रवींद्र कुमार शर्मा ने कहा, “अंतत: पवित्र पहाड़ व झील के दर्शन हो गए और मेरा सपना पूरा हो गया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए मैं चीन का आभार व्यक्त करता हूं।”
चीनी अधिकारियों ने चार आराम केंद्रों पर आवास की व्यवस्था की है। नाथू ला दर्रा समुद्र तल से 4,545 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
सरकार ने मपम युमको झील में एक स्वागत केंद्र की भी स्थापना की है, जहां एक रसोईघर, स्नानघर, कंबल व स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाते हैं। माउंट कांगरीनबोक के नीचे एक चार सितारा होटल भी बनाया गया है।
भारत में चीन के राजदूत ली युचेंग ने कहा कि इस रास्ते के खुलने से लोगों के आवागमन को बढ़ावा मिलेगा और चीन तथा भारत के संबंधों में सुधार आएगा।
इस नए रास्ते ने तीर्थयात्रा में लगने वाली अवधि को 20 दिन से घटाकर लगभग 8-12 दिन कर दिया है।