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 भारत,पाकिस्तान और चीन की सेनायें करेंगी संयुक्त नौसेनिक अभ्यास | dharmpath.com

Sunday , 20 April 2025

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भारत,पाकिस्तान और चीन की सेनायें करेंगी संयुक्त नौसेनिक अभ्यास

A Chinese navy personnel stands guard as Indian naval frigate INS SHIVALIK is seen docked at a military port after its arrival before a maritime drill during the Western Pacific Naval Symposium in Qingdaoभारत और पाकिस्तान के युद्धपोत पहली बार एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास के ढांचे में मिलकर अभ्यास करेंगे|

भारत और चीन अब अधिक स्थिर सैन्य संबंधों को स्थापित करने की कोशिश में लगे हुए हैं| क्योंकि अब तक शायद ही कोई विशेष संपर्क था| उदाहरण के लिए जब अतीत में भारत ने चीन को भारतीय फ्लीट रिव्यू में भाग लेने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया था, तो चीन अपने जहाजों को भेजने में असमर्थ रहा था| लेकिन पिछले तीन या चार वर्षों में राजनीतिक रिश्ते और सैन्य संपर्क दोनों में लगातार सुधार हुआ है, इस तथ्य के बावजूद कि अप्रैल 2013 में भारत और चीन के बीच स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी जब चीनी सैनिकों ने भारत के उन क्षेत्रों में प्रवेश किया जिन्हें “भारत का अंग समझा जाता था” और जिसे अक्सर Depsang घटना कहा जाता है, और बदले में चीन ने भारत पर चीनी क्षेत्र में दाखिल होने आरोप लगाया हालाँकि कोई सीमांकन वहाँ नहीं किया गया था| जब पिछले साल यह घटना हुई तो भारत और चीन दोनों ने राजनीतिक नेतृत्व के उच्चतम स्तर पर एक बहुत ही स्थिर रिश्ते को बनाए रखने के लिए सोचा| और समवर्ती दोनो देशों की सेनाओं के बीच भी निश्चित संपर्कों की शुरुआत की गयी जो काफी नयी बात है| और पारंपरिक रूप से तीनों सेनाओं के बीच नौसेना को ही अन्य देशों के साथ किसी भी प्रकार के राजनयिक संपर्क सबसे बड़ी आत्मीयता के साथ निभाना पड़ता है| और इसलिए यह बिलकुल तर्कसंगत है कि भारतीय नौसेना ने चीनी नौसेना के साथ भाईचारे और संयोजित संपर्क की योजना बनाई| और हम आईएनएस शिवालिक की वर्तमान यात्रा इसी प्रयास के हिस्से के रूप में देख सकते हैं| यह तो मात्र शुरुआत है और यह किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की सामग्री नहीं है| मैं इसे नौसेनाओं के बीच राजनैतिक और राजनयिक भूमिका का विस्तार ही कहूँगा| और हम देखेंगे कि इस शुरुआत की नींव पर कैसा भवन बनाया जा सकता है| शायद इसे भारत और चीन के बीच विश्वास बहाली के पहले प्रयास के रूप में देखा जा सकता है| और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत और पाकिस्तान के बीच भी रिश्ते तनावपूर्ण हैं, यह, उम्मीद की जा सकती है कि इन देशों के बीच थोड़ा अधिक भागीदारी का वातावरण बनाने के लिए कुछ स्थान है| लेकिन मेरा कहना है कि यह सब अभी एक अस्थायी स्तर पर है और सैन्य संबंधों में किसी भी महत्वपूर्ण सुधार की बात से पहले भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक खुशमिजाजी को एक ऊँचे स्तर पर पहुंचाने के बाद उसका आँकलन करना आवश्यक है|

 

” सागर सहयोग 2014 ” अभ्यास 23 अप्रैल और 24 को आयोजित किया जाएगा| भारतीय, चीनी और पाकिस्तानी युद्धपोतों के इलावा ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश और ब्रुनेई से आये नाविक भी इसमें भाग लेंगे| 
और पढ़ें: http://hindi.ruvr.ru/2014_04_22/Bharat-Chin-Pak-yuddhabhyas/



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