नई दिल्ली- सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की अहम बैठक राजधानी दिल्ली में होने जा रही है। अगले साल 5 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की तैयारियों के लिहाज से इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बैठक के साथ ही आने वाले दिनों में पार्टी की उच्चस्तरीय बैठकों का एजेंडा भी तय हो जाएगा। इसके बाद अगले 19 दिनों तक अलग-अलग स्तरों पर पार्टी और सरकार के अंदर बैठकों का दौर चलेगा और इनसे निकलने वाले मुद्दों पर अगले महीने 7 नवंबर को होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुहर लगाई जाएगी।
सोमवार को होने वाली पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में सेवा एवं समर्पण अभियान के रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। दरअसल, भाजपा ने पीएम मोदी के जन्मदिवस पर 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक देशभर में सेवा एवं समर्पण अभियान चलाया था। सोमवार की बैठक के लिए सभी नेताओं को इस अभियान की उपलब्धियों से जुड़े रिपोर्ट कार्ड को लेकर आने को कहा गया है। बैठक में पार्टी के विस्तार, सभी महासचिवों के राज्यों के चक्रीय प्रवास और चुनावी राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी।
जाहिर सी बात है कि भाजपा की चुनावी रणनीति को लेकर 18 अक्टूबर से 7 नंवबर के बीच के 19 दिन काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। सोमवार को होने वाली इसी बैठक की चर्चा के आधार पर अगले 19 दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष अलग-अलग स्तरों पर बैठक कर चुनावी रणनीति की समीक्षा और निर्धारण करेंगे और साथ-साथ 7 नंवबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का एजेंडा भी तय करेंगे और इसी के आधार पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आने वाले प्रस्तावों की रूपरेखा का निर्धारण भी किया जाएगा।
इन 19 दिनों के भीतर होने वाली बैठकों की बात करें तो सोमवार को होने वाली पदाधिकारियों की बैठक के बाद 24 अक्टूबर को भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है और भाजपा के किसान मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 30 अक्टूबर को होनी है। इसी दौरान चुनावी रणनीति से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले भाजपा के ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होनी है, जिसकी तारीख को अंतिम रूप अभी दिया जाना बाकी है (हालांकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले इसकी बैठक भी होना तय है)।
इस बीच, पार्टी के 3 महत्वपूर्ण नेता जेपी नड्डा, अमित शाह और बी.एल. संतोष भी पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय और 11 अशोक रोड स्थित पार्टी के वॉर रूम में पार्टी के दिग्गज नेताओं और चुनावी राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति को अंतिम स्वरूप देंगे। पार्टी के जिन 4 मोर्चो (युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले ही हो चुकी है, उन्हें भी पदाधिकारियों की बैठक के बाद चुनाव और संगठन से जुड़े अहम कामों में लगाया जाएगा।
भाजपा संविधान के मुताबिक, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी फैसला लेने वाली सर्वोच्च और सबसे बड़ी इकाई होती है। इसलिए इस बैठक में सरकार के कामकाज, देश के राजनीतिक-आर्थिक हालात और देश की सुरक्षा से जुड़े अहम मसलों पर चर्चा होती है और प्रस्ताव भी पारित किए जाते हैं। चूंकि 2022 एक चुनावी साल है और कुछ महीनों बाद देश के पांच राज्यों – उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा के अहम चुनाव होने जा रहे हैं, इस लिहाज से भी सोमवार को होने वाली पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
सोमवार को होने वाली बैठक में चुनावी तैयारियों, संगठन के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की जाएगी।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 7 अक्टूबर को पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान किया था। इस नई कार्यकारिणी में 80 सदस्य, 50 विशेष आमंत्रित सदस्य और 179 स्थायी आमंत्रित सदस्य नियुक्त किए गए हैं।