(धर्मपथ)/भोपाल- प्रदेश भाजपा में संगठन का कोई पैरोकर नहीं है,कार्यालय के मीडिया सेन्टर में संविधान विरुद्ध कार्य हो रहे हैं लेकिन आकाओं को खबर नहीं है ये पटेल जॉ की संगठन के मंत्री भी कहलाते हैं रहते तो इसी परिसर में हैं और पूरा मध्यप्रदेश इंकी उंगलियों पर माना जता है,लेकिन इन्हें अपने ही कार्यालय की अव्यवस्था नहीं नजर आती है या ये देखना नहीं चाहते.
प्रवक्ताओं पर भारी मीडिया प्रभारी
नीचे के तल पर जो कक्ष हैं उनमे संगठन की तराफ से जबलपुर से आये और संगठन मंत्री की पसन्द के आर्य जी पदस्थ हैं,कार्यालय मंत्री आलोक संजर के चुनाव मे जाने से प्रवक्ता बिजेन्द्र सिंह सिसोदिया को यह जिम्मेदारी भी दी गयी है,बचे एक मीडिया प्रभारी जो राजनीति से नहीं प्रशासनिक अधिकारी से इस व्यवस्था में आये हैं.
यहाँ मीडिया से बात करना और पार्टी की तरफ से बयान जारी करने की जिम्मेदारी नियुक्त प्रवक्ताओं की है,यह होता भी है लेकिन इसमें एक पेंच है बड़े चेनल वाले संवाददाता कभी प्रवक्ता कक्ष की तरफ रुख नहीं करते उन्हे यदि अधिकारिक बयान लेना है तो वे मीडिया प्रभारी के कक्ष का रुख करते हैं बजाय प्रवक्ता कक्ष के.पार्टी के वरिष्ठों से पूछने पर उन्होने इसे असंवैधानिक बताया.
भाजपा मीडिया प्रभारी को नेशनल मीडिया पर प्रवक्ता के रूप प्रस्तुत किया जाता है
नेशनल चेनलों पर मीडिया प्रभारी को भाजपा प्रवक्ता के रूप में शामिल किया जाता है,जबकी भाजपा प्रवक्ता को पूछा भी नहीं जाता है,खबरनवीसों का कहना यह है की यह गल्ती अंजाने में नहीं जान बूझकर की जाती है इसके पीछे मीडिया प्रभारी महोदय के मधुर सम्बन्ध और उच्च राजनैतिक आकांक्षा बतायी जाती है.
पार्टी नियमों की धज्जिया उड़ा रहे मीडिया प्रभारी
कार्यकर्ताओं से बात करने पर पता चला की पार्टी मे ये जमीनी कार्यकर्ता नहीं हैं अतः इन्हें विचारों और नियमों से ज्यादा चिन्ता सिर्फ अपने फायदे की है,और शॉर्ट-कट से आगे बढने वाले ये बेटा साहब सब-कुछ पेंतरे अपनाते हैं,इसका प्रतिफल इस रूप में सामने ही है.संगठन मंत्री को भी इन्होने अपने चंगुल में ले रखा है अतः ये कर्तव्यनिष्ठ संगठन मंत्री की कार्यशैली भी सन्देह के घेरे में है.