नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जतना पार्टी (भाजपा) ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चरित्रहनन के आरोप से इनकार किया है। भाजपा ने कहा कि वह उनके खिलाफ प्रतिशोध की किसी भी कार्रवाई में लिप्त नहीं है।
भाजपा ने कहा कि सोनिया गांधी को यह आरोप लगाने के बजाय इटली की एक अदालत से इस मुद्दे को स्पष्ट करना चाहिए, जिसने हेलीकॉप्टर सौदे में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के अन्य लोगों के अलावा उनके नाम का भी उल्लेख किया है।
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने संसद परिसर में यहां मीडिया से कहा, “सरकार इस मामले की हर तरह से जांच के लिए तैयार है। यह उनका सच्चा आग्रह है, लेकिन उन्हें इसे इटली की अदालत के साथ स्पष्ट करना चाहिए, जिसने उनके नाम का उल्लेख किया है।”
उन्होंने कहा, “वह सोचती हैं कि हम उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध में लिप्त हैं, लेकिन उनके खिलाफ अदालत का कोई प्रतिशोध क्यों होगा? रूडी ने कहा कि उन्हें खुद इसका पता लगाना चाहिए।”
मंत्री ने कहा कि चूंकि इस मुद्दे पर लोकसभा में नोटिस दिया गया है, इसलिए जल्द ही सदन में इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
रूडी ने कांग्रेस के इस आरोप को भी असत्य कहकर खारिज कर दिया कि पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के अपने समकक्ष से मिले थे।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का गलत बयान है।
यह पूछने पर कि राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन(राजग) सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड का नाम काली सूची से बाहर क्यों किया? मंत्री ने कहा कि कंपनी को निलंबित कर दिया गया है और वह अब भी सरकार की किसी परियोजना पर काम नहीं कर सकती।
इससे पहले दिन में सोनिया गांधी ने हेलीकॉप्टर सौदे में अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मीडिया से कहा था, “हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं है। सरकार को मेरा नाम लेने दीजिए। मुझे किसी का डर नहीं, क्योंकि उस आरोप का कोई आधार नहीं है। यह चरित्र हनन की उनकी रणनीति का हिस्सा है।”
उन्होंने कहा था कि उन्हें किसी भी जांच का डर नहीं है और छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधा था और दावा किया था कि इटली की अदालत के फैसले में उनके नाम का उल्लेख चार बार किया गया है। उस फैसले में कहा गया है कि 53 करोड़ डॉलर का सौदा पक्का करने के लिए भारतीय अधिकारियों को वास्तव में रिश्वत दी गई थी।
इन आरोपों से इनकार करते हुए कांग्रेस ने मानहानि के लिए कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी।