(खुसुर-फुसुर)– भोपाल स्थित भाजपा के मुख्यालय दीनदयाल परिसर में है मासिक पत्रिका चरैवेति का कार्यालय.चरैवेति पत्रिका का प्रबंधन एवं सम्पादन दल हमेशा ख़बरों में रहा है.अनिल सौमित्र को कूटनीति कर बदनामी से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद नया गठन हुआ और पदाधिकारी बदले गए.
कुछ दिन ठीक चलने के बाद चरैवेति के प्रकाशन एवं मुद्रण में सराहनीय बदलाव किये गए,लेकिन जैसा इस पत्रिका की किस्मत में शायद लिखा है की करता कोई और बलि किसी और की चढ़ती है.अभी हाल में एक अखबार में नियमित खबर प्रकाशन से बवाल मच गया और प्रबंधन ने उस खबर को छापने और छपवाने वाले का नाम पता कर लिया.खबरनवीसों ने भी जब अपने घोड़े दौडाए तो वे लोग चरैवेति के कर्मचारी ही निकले.लेकिन इस धमा-चौकड़ी में एक निरीह महिला की नौकरी चली गयी,और महिला को निकाला भी गया तो बहाना पैसों के हिसाब-किताब में धांधली का लगाया गया.
महिला ने महिला आयोग में लिखित शिकायत की है की उसे बिना सफाई का मौका दिए नौकरी से बाहर निकाल दिया गया.हो सकता है वह निर्दोष हो लेकिन अब खबर तो बाहर आ चुकी है और चरैवेति पर एकाधिकार के चक्कर में गरीबों की दाल-रोटी छिन रही है.
पहले भी प्रभात झा अपनी आदत मुताबिक़ एक पुराने पत्रकार को बाहर का रास्ता दिखा चुके है क्योंकि वे उनके गलत निर्देशों को नहीं मानते थे.अब यह पत्रिका की किस्मत का दोष है या भाजपा के नेताओं की आदत खैर जो भी हो हम तो यही प्रार्थना करेंगे की उस महिला को अपना पक्ष रखने का मौका देने के बाद ही निर्णय करना चाहिए वर्ना अबला की हाय से कोई नहीं बचा है.हे चरैवेति सद्बुद्धि दो अपने कर्ता-धर्ताओं को .