पटना, 22 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने ‘आरक्षण की समीक्षा’ वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर यहां मंगलवार को यह स्पष्ट करना जरूरी समझा कि भाजपा आरक्षण प्रथा की विरोधी नहीं है और न ही वर्तमान आरक्षण व्यवस्था में पुनर्विचार की जरूरत की पक्षधर है।
पटना में एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में कहा कि भाजपा कभी भी जाति के आधार पर चुनाव लड़ने की हिमायती नहीं रही है। भाजपा हमेशा विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में जाती है।
शाह ने कहा, “भाजपा वर्तमान आरक्षण प्रथा की विरोधी नहीं है, बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए अगर कोई सुझाव आता है तो भाजपा उसके पक्ष में भी है।”
उन्होंने कहा कि आरक्षण को जातीय राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। शाह ने कहा, “पिछड़ों को आगे लाने की व्यवस्था के तहत आरक्षण दिया जाता है। इसमें एक ब्रैकेट में कई जातियां होती हैं।”
यह बात दीगर है कि भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों और टिकट के बंटवारे में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है और पार्टी प्रमुख शाह को स्वयं यह बात कहनी पड़ी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘ओबीसी’ से आते हैं।