नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने शुक्रवार को उन आवाजों से एकजुट होने का आग्रह किया, जो भाजपा-आरएसएस की विचारधारा से अलग हैं। कांग्रेस ने असहमति की आवाज को दबाने के केंद्र सरकार के कदम का विरोध भी किया।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन पायलट ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में हो रही हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “यह देखकर दुख होता है कि एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का इस्तेमाल उन लोगों को सबक सिखाने के एक मंच के रूप में किया जा रहा है, जो भाजपा या उसके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से सहमत नहीं हैं।”
पायलट ने कहा, “उन सभी व्यक्तियों और विचारधाराओं को एकजुट हो जाना चाहिए जो भाजपा और आरएसएस से अलग राय रखते हैं।”
उन्होंने कहा, “मौजूदा सरकार की कोशिश यह है कि जो भी भाजपा विरोधी है, उसे भारत विरोधी के रूप में पेश किया जाए। यह उनके राष्ट्रवाद, देशभक्ति की नई परिभाषा है।”
पायलट ने कहा, “हमने देखा है कि जो भी व्यक्ति मौजूदा सरकार की विचारधारा के खिलाफ है, उसे कुचलने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है। देशभर में विश्वविद्यालय परिसरों में विद्यार्थियों और शिक्षकों पर जिस तरह की क्रूरता की जा रही है, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है, जिसमें सभी की आवाज सुनी जाती है।”
पायलट ने भाजपा नेतृत्व से आग्रह किया कि रोहित वेमुला को जिन ताकतों ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया, वह उस पर आत्ममंथन करे। उन्होंने कहा, “यह मायने नहीं रखता कि व्यक्त किए गए विचार वामपंथी, दक्षिणपंथी या मध्यमार्गी हैं, हम इस स्थिति में हैं जब हमें बोलने की अनुमति नहीं है।”
पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष के साथ संवाद न कर संसद में टकराव की स्थिति पैदा कर रही है।
उन्होंने कहा, “संसद में भी, जहां सभी राजनीतिक दलों के साथ संवाद होना चाहिए, भाजपा ने जानबूझ कर टकराव की एक स्थिति पैदा कर रखी है। भाजपा क्रूरता की राजनीति और दमन की राजनीति करती है।”
पायलट हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के उन विद्यार्थियों पर पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रया व्यक्त कर रहे थे, जो कुलपति अप्पा राव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
बुधवार को 30 प्रदर्शनकारी विद्यार्थी कथिततौर पर घायल हो गए थे और उनमें से एक को गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया है।