नई दिल्ली, 15 फरवरी – दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री को ‘आतंकवादी’ कहने, ‘गद्दारों को गोली मारो’.. ‘भारत-पाकिस्तान मैच’ जैसे बयानों से भारी नुकसान उठाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब पार्टी के बड़बोले और बयानवीर नेताओं पर नकेल कसने जा रही है, ताकि आगे आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को गलत बयानबाजी पर न घिरना पड़े। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को शनिवार को जिस तरह से पार्टी मुख्यालय पर तलब कर आगे से विवादित बयानों से बचने की नसीहत दी, इससे पार्टी सूत्रों की इस बात को बल मिलता दिख रहा है कि बयानवीरों के लिए खास रणनीति बनाई गई है।
यूं तो गिरिराज सिंह को संयम बरतने की नसीहत बीते 12 फरवरी को उत्तर प्रदेश के एक कार्यक्रम में देवबंद को ‘आतंकवाद की गंगोत्री’ बताने पर मिल गई थी, मगर सूत्र बताते हैं कि पार्टी इसलिए उन्हें फिर से हिदायत दे रही है, क्योंकि इसी साल बिहार चुनाव होना है। गिरिराज बिहार के बेगूसराय से सांसद हैं। वह कई बार नीतीश कुमार पर भी निशाना साधने से नहीं चूकते, जबकि भाजपा को जनता दल (युनाइटेड) प्रमुख नीतीश के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ना है।
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और संघ खेमे से निकले बिहार के ‘डीएनए’ और आरक्षण से जुड़े बयानों को राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ही नहीं, उस वक्त महागठबंधन में रहे नीतीश कुमार ने भी खूब भुनाया था। इस कारण भाजपा को बिहार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा का मानना है कि बिहार की जनता भावुक है। किसी जाति या धर्म को लेकर एक भी विवादित टिप्पणी बने-बनाए माहौल को बिगाड़ सकती है। ऐसे में पार्टी यहां नीतीश सरकार के काम और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसी दिशा में सबसे तीखी बयानबाजी के लिए चर्चित गिरिराज सिंह को बुलाकर जेपी नड्डा ने संयमित होकर बोलने की सलाह दी है।
सूत्रों के मुताबिक, गिरिराज सिंह से नड्डा ने कहा कि वे ऐसा कोई बयान न दें, जिससे पार्टी को आलोचनाओं का सामना करना पड़े। सामने बिहार चुनाव होने के कारण गठबंधन सहयोगियों पर भी किसी तरह की टिप्पणी अस्वीकार्य है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष नड्डा विवादित बयान देने वाले अन्य नेताओं के साथ भी बैठक कर उन्हें गलतबयानों से बचने की नसीहत देंगे।