नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बैंक (जेबीआईसी) ने जुलाई, 2014 में जापान की विनिर्माण क्षेत्र की एक हजार कंपनियों का एक सर्वेक्षण आयोजित किया। इस सर्वेक्षण में भविष्य के निवेश के लिए भारत को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि इंडोनेशिया को दूसरा तथा चीन को तीसरा स्थान मिला है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से यहां जारी एक बयान के मुताबिक, अक्तूबर 2014 में भारत में जापानी कंपनियों की संख्या 1,209 तक पहुंच गई थी, जो 13.67 प्रतिशत सीएजीआर (2010 से 2014 तक, पिछले पांच वर्षो के लिए) के साथ पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। कुछ जापानी कंपनियां अगले 2-3 वर्षो में भारत में लगभग 75,000 करोड़ रुपये (लगभग 12 अरब अमेरिकी डॉलर) का भविष्य में निवेश करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही हैं।
जून, 2014 से सितम्बर 2014 की अवधि के दौरान जापान से 61.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह हुआ है, जबकि 2013 की इसी अवधि में यह 27.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा था। अक्तूबर 2014 में 103.14 अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्रवाह हुआ।
बयान के अनुसार, सरकार ने जापानी निवेशकों की मदद के लिए एक विशेष प्रबंधन दल जापान प्लस की स्थापना की है। यह दल जापानी कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है और आवश्यकतानुसार उन्हें विभिन्न मंजूरशुदा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देता है।
बयान में कहा गया है कि जापान प्लस को जापानी एकीकृत औद्योगिक पार्को के विकास में मदद करनी है। इसके लिए जापानी कंपनियों और संबंधित राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।