यहां लोग भगवान की आड़ में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि प्रशासन इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। कभी धार्मिक भावनाएं भड़कने तो कभी लोगों के विरोध के चलते प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ बैठा है। इतना जरूर है कि दबाव बढ़ने पर विगत वर्ष इन अवैध कब्जों की जांच व इस पर रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने धार्मिक समिति गठित की थी, लेकिन उसका नतीजा भी सिफर रहा। कमेटी में विचाराधीन होने के चलते इन धार्मिक स्थलों की जांच लंबित पड़ी हुई है।
120 जगहों पर अवैध कब्जा
राजधानी के विभिन्न विभागों में दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग व राजस्व विभाग आदि के दस्तावेजों में दर्ज आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली के अलग-अलग जिलों में कुल 120 स्थान ऐसे हैं जहां सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर कोई न कोई धार्मिक स्थल बना हुआ है। यह केवल वह आंकड़े हैं जो कागजों में दर्ज हैं। वहीं, वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में पेश दस्तावेजों में दिल्ली सरकार ने इनकी संख्या मात्र 70 बताई थी। ऐसे में साफ जाहिर है कि सरकारी जमीन पर बनने वाले धार्मिक स्थलों की संख्या बढ़ रही है।
आरटीआइ में हुआ खुलासा
त्रिलोकपुरी निवासी पब्लिक प्रोटेक्शन मूवमेंट ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक जीशान हैदर द्वारा आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी गई थी। अलग-अलग सिविक एजेंसियों से यह सवाल किया कि राजधानी में कितने ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निर्माण किया गया है। यह भी सवाल किया गया कि संबंधित एजेंसी उन अवैध निर्माण को हटाने के लिए क्या प्रक्रिया अपना रही है और इन स्थलों के खिलाफ कब व क्या कार्रवाई की गई। कई विभागों ने तो इसका जवाब ही नहीं दिया। जिन्होंने जवाब दिया उसमें उत्तर पूर्वी जिला राजस्व कार्यालय ने बताया कि करावल नगर में सरकारी जमीन पर 3 जगह, दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 22 जगह, पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 35 जगह, दक्षिण जिले में 53 जगह, उत्तर पश्चिम में 5 जगह धार्मिक स्थल हैं।
ग्रामसभा , लाल डोरा व रिज जमीन पर कब्जा ॉ
आरटीआइ के जवाब में अलग-अलग जिलों से चौंकाने वाले जवाब सामने आए। कहीं तो यह कब्जा ग्राम सभा, लाल डोरा, रिज लैंड आदि की जमीन पर है तो कहीं कब्जा सालों से ऐसी जगहों पर है जहां सरकारी, स्कूल, समुदाय भवन व लोगों की सुविधा के लिए अन्य विकास कार्य किए जाने थे।
समिति ने किया था 40 स्थलों को चिन्हित
सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों की जांच व इन्हें हटाने के लिए दिल्ली की पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा विगत वर्ष बनाई गई धार्मिक समिति ने उस समय 40 ऐसे स्थलों को चिन्हित किया था, जिन पर कार्रवाई की जानी थी, लेकिन आज तक यह कार्रवाई केवल कागजों में सिमटी हुई है।
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