आगरा/मथुरा, 27 सितम्बर –| विश्व नदी दिवस पर इस वर्ष यमुना और देश की अन्य नदियों की समस्याओं पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया जाएगा, क्योंकि 28 अगस्त को केवल ब्रज मंडल के लोग ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोग यहां इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे।
आगरा, मथुरा और वृंदावन के कार्यकर्ता इस दिवस को समूह चर्चा, नदी का दौरा और जनसभाओं से मनाएंगे।
ब्रज मंडल विरासत संरक्षण समाज के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “28 सितंबर को आगरा होटल संगठन के सिल्वर जुबली के मौके पर हम नदी की दुर्दशा और सूखने के कगार पर पहुंच चुकी यमुना नदी से ताजमहल की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों को सामने लाएंगे।”
पर्यावरण कार्यकर्ता आनंद राय ने कहा, “बीते वर्ष इस दौरान यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति थी। बेकार प्रबंधन और जल संचय न होने के कारण बारिश का सारा पानी नीचे चला गया। ताजमहल के पीछे टापू बन गया। आगरा वाटर वर्क्स दो सप्ताह पहले से ही पानी खत्म होने की शिकायत कर रहा है।”
यमुना कार्यकर्ताओं ने मथुरा में यमुना योजना पर कार्रवाई के लिए 2 नवंबर को दिल्ली मार्च के लिए समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। हालांकि, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती यमुना नदी में प्रदूषण को दूर करने के लिए कदम उठाने का वादा मथुरा में कर चुकी हैं।
विश्व नदी दिवस समारोह में यहां 70 से भी ज्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और औद्योगिक विकास के कारण दुनिया के अधिकांश देशों की नदियां खतरे से जूझ रही हैं।
विश्व नदी दिवस के अवसर पर दुनिया भर में शैक्षिक और जन-जागरूकता की गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, नदियों व झरनों को साफ रखना और नदियों के किनारे समारोहों का आयोजन किया जाएगा।
ब्रिटिश कोलंबिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिवर इंस्टीट्यूट अध्यक्ष मार्क एंजेलो ने कहा, “नदियां जीवन का अभिन्न अंग हैं। दुनिया भर में कई नदियां खतरे से जूझ रही हैं और इन्हें बचाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे नाकाफी हैं।”
विश्व नदी दिवस के मौके पर ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया और बांग्लादेश में कार्यक्रम का आयोजन होगा।
एंजेलो ने कहा, “लाखों लोग, दर्जनों देश और अनगिनत अंतर्राष्ट्रीय संगठन विश्व नदी दिवस में योगदान करेंगे। यह लोगों को नदियों का आनंद उठाने का मौका प्रदान करता है। साथ ही यह समारोह नदियों और झरनों को बचाने के लिए महत्वपूर्ण ढंग से जागरूकता भी फैलाता है।”