मुंबई, 29 मार्च (आईएएनएस)। अपना संस्मरण ‘एंड देन वन डे’ लिख चुके दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अब एक बार फिर बेबाकी से फिल्म जगत के लोगों की ईमानदारी सामने लाने जा रहे हैं। उनके संस्मरण को लोगों और समीक्षकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।
मुंबई, 29 मार्च (आईएएनएस)। अपना संस्मरण ‘एंड देन वन डे’ लिख चुके दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अब एक बार फिर बेबाकी से फिल्म जगत के लोगों की ईमानदारी सामने लाने जा रहे हैं। उनके संस्मरण को लोगों और समीक्षकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।
नसीरुद्दीन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मेरी जिंदगी के सबसे मजेदार दौर की व्याख्या की गई है। बाकी जिंदगी तो आसान है। अब मैं फिल्मोद्योग के अपने अनुभव पर लिख सकता हूं। मुझे नहीं लगता कि यह बुरा आइडिया है।”
उन्होंने कहा, “ऐसी बहुत-सी बातें हैं, जो मैं फिल्मोद्योग के बारे में कहना चाहता हूं। मैं इसे शायद तृतीय पुरुष में लिख सकता हूं। तभी मेरे पास व्यवहार कुशल होकर या किसी के अहं को ठेस पहुंचाए बिना खुले दिल से लिखने का अधिकार होगा।”
65 वर्षीय नसीरुद्दीन कहते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके संस्मरण के प्रथम भाग को इतना सराहा जाएगा।
उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि वे (समीक्षक) एक कलाकार के लेखन की कोशिश को लेकर पूरी तरह सशंकित होंगे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि देश में मेरी किताब की जितनी बिक्री हुई है, उतनी होगी या भारतीय समीक्षक इस ओर नजर-ए-इनायत करेंगे।”
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि उन्हें अपनी लेखन प्रतिभा पर संदेह हुआ।
नसीरुद्दीन ने कहा, “मैं जानता था कि जिन लोगों ने मेरे ट्विटर अकाउंट पर लिखे लेख पढ़े हैं, उन्हें यह (संस्मरण) पसंद आएगा। स्कूल के दिनों से ही सही वाक्य संरचना और निबंध लिखने में मेरा हाथ सधा हुआ है। हालांकि, कक्षा में मैं अन्य सभी विषयों में कमजोर था, लेकिन मेरे अंग्रेजी के लेख और निबंध हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ चुने गए। मेरे लेख स्कूल की पत्रिका के लिए चुने गए थे।”