विशाखापट्टनम, 7 नवंबर (आईएएनएस)। बॉक्साइट खनन के लिए राज्य सरकार की मंजूरी के खिलाफ आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के जनजातीय इलाके शनिवार को बंद हैं।
बॉक्साइट खनन के विरोध में सर्वदलीय समिति के आह्वान पर आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) ने जनजातीय गांवों के लिए सभी बस सेवाएं बंद रखी है।
पदेरू, अरकू घाटी और नजदीकी जनजातीय इलाकों में दुकानें, उद्यम और शिक्षण संस्थान बंद रहे।
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अरकू घाटी में अरकू बोरा गुफाओं, संग्रहालय और पद्मावती गार्डन्स की ओर जा रही सड़कें बाधित की।
मुख्य विरोधी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, वाम दलों और जनजातीय समूहों ने बंद का आह्वान किया था।
विभिन्न दलों के नेताओं ने पदेरू में धरना दिया।
यहां तक कि सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) के कुछ गांवों के नेता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
विस्थापन के डर और जीवनयापन और पर्यावरण को क्षति पहुंचने के डर से जनजातीय लोग बॉक्साइट खनन का विरोध कर रहे हैं।
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) भी बॉक्साइट खनन का कड़ा विरोध कर रही है।
राज्य सरकार ने बुधवार को आंध्र प्रदेश खनिज विकास निगम को एजेंसी क्षेत्र में बॉक्सिंग के खनन की इजाजत दे दी थी।
नरसीपट्टनम खंड के चिंतापल्ली और जेरिला आरक्षित वन में 1,212 हेक्टेयर भूमि बॉक्साइट खनन के लिए आवंटित की गई है।
अविभाजित आंध्र प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बॉक्साइट खनन की मंजूरी दे दी थी। यहां तक कि इसके लिए कुछ कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन भी किया गया था, लेकिन जनजातीय लोगों के तीव्र विरोध के कारण मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
उस समय अरकु से कांग्रेस सांसद और केंद्रीय जनजातीय कल्याण मंत्री वी. किशोर चंद्र देव ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए सरकार से समझौता ज्ञापन रद्द करने को कहा था।