पार्टी ने कहा कि भाजपा पूंजीपतियों और उद्योपतियों की पार्टी है, इसलिए इनके मंत्री किसानों के प्रति बेतुके बयान देते चले आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान देने वाले मंत्रियों पर अंकुश लगाएं।
गौरतलब है कि शुक्रवार को राधा मोहन सिंह ने राज्यसभा सांसद सीपी नारायणन के पूछे सवाल के लिखित जवाब में किसानों की आत्महत्या के पीछे मुख्य वजहों में किसानों के प्रेम प्रसंग, शादी टूटने और दहेज के मामलों में खुदकुशी को प्रमुखता से गिना दिया। इसको लेकर एक बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने बातचीत में कहा कि जो अन्नदाता पूरे देश का पेट भरता है उसी के मुंह का निवाला छीनने को भाजपा सरकार उतारू है। उन्होंने कहा कि किसानों की खून पसीने से सीची गई फसलें आपदा के प्रकोप से बर्बाद हो गईं और पहले से ही कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता गया, मगर केंद्र और प्रदेश की सरकार मुआवजा देने में घोर लापरवाही करने के साथ-साथ दोषपूर्ण मुआवजा नीति बनाती रही, जिससे किसान क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने ऐसा बयान देकर उनके जख्मों को कुरेदा है।