हमीरपुर (उप्र), 1 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। बुंदेलखंड में जलस्तर नीचे खिसक जाने से गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है। जनपद हमीरपुर के कस्बा सुमेरपुर की नई बस्तियों में हैंडपम्प पानी की जगह बालू उगल रहे हैं।
हमीरपुर (उप्र), 1 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। बुंदेलखंड में जलस्तर नीचे खिसक जाने से गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है। जनपद हमीरपुर के कस्बा सुमेरपुर की नई बस्तियों में हैंडपम्प पानी की जगह बालू उगल रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों की बात करें तो इंगोहटा गांव में सैकड़ों हैंडपम्प खराब हैं। एक-दो हैंडपम्प ठीक हैं, जिन पर सुबह से शाम तक भारी भीड़ जमा रहती है।
सुमेरपुर कस्बे के नई बस्ती पीडब्लूडी स्टोर के पास कई हैंडपम्प पानी नहीं दे रहे हैं। मात्र एक-दो सरकारी हैंडपम्पों से पानी आ रहा है, जिन पर दिन से लेकर रात तक भीड़ लगी रहती है।
वहां की देवीदीन सविता ने बताया कि जलस्तर घट जाने से हैंडपम्प बालू फेंक रहा है। अन्य लोगों ने कहा कि गर्मी शुरू भी नहीं हुई है, अभी से हैंडपम्पों का यह हाल तो आगे क्या होगा, यह सोचकर वे चिंचित हैं। लोगों ने पाइप लाइन से पूरी नई बस्ती में पानी की आपूर्ति कराने की मांग की है।
इसी तरह कस्बे की प्रत्येक नई बस्तियों में पेयजल संकट का रोना रोया जा रहा है। लोगों ने कहा कि यदि समय रहते पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई तो भीषण गर्मी में हालात बहुत खराब हो जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग पेयजल संकट से परेशान हैं। इंगोहटा बड़ी आबादी का गांव है। 250 हैंडपम्प के साथ वहां पानी की टंकी भी बनी है, लेकिन गांव के लोग पेयजल संकट से बेहद परेशान हैं।
एक ग्रामीण ज्ञानेश दीक्षित ने बताया कि वर्तमान समय में 100 से अधिक हैंडपम्प रीबोर कराने लायक हैं। गांव के अंदर एक किलोमीटर के दायरे में पानी खारा हो चुका है, जिसे पीना मुश्किल है तो जो हैंडपम्प चालू हालत में हैं, उनमें सुबह से शाम तक भीड़ जमा रहती है।
उन्होंने बताया कि पानी को लेकर दिनभर विवाद होते रहते हैं। कुछ लोग लंबी दूरी तय करके पानी ढोने को विवश हैं।
ग्रामीण बाबादीन ने बताया कि खराब हैंडपम्पों का रीबोर नहीं कराया जा रहा है। टंकी का पानी प्रत्येक मुहल्ले में पहुंचे, इसके लिए जरा भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से गौर फरमाने की मांग की है।
यही हाल ग्राम बिदोखर का है, जहां पेयजल संकट व्याप्त है। वहां के दर्जनों हैंडपम्पों को रीबोर कराने की जरूरत है, मगर कई वर्षो से वहां रीबोर का कार्य नहीं कराया जा रहा है। इसी तरह ब्लॉक के कई गांवों से पेयजल संकट की जानकारी मिल रही है। यदि संबंधित विभाग सक्रिय नहीं होता तो आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
लोगों का कहना है कि सूखे के हालात में यहां की जनता पहले से परेशान है, कम से कम पानी की व्यवस्था तो ठीक होनी ही चाहिए,वरना लोग जिएंगे कैसे।