Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बुंदेलखंड : किसानों के पसीने से लबलबाता तालाब | dharmpath.com

Friday , 31 January 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » फीचर » बुंदेलखंड : किसानों के पसीने से लबलबाता तालाब

बुंदेलखंड : किसानों के पसीने से लबलबाता तालाब

August 21, 2015 8:00 pm by: Category: फीचर Comments Off on बुंदेलखंड : किसानों के पसीने से लबलबाता तालाब A+ / A-

Sandeep 1टीकमगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)| टीकमगढ़ जिले की बनगांय पंचायत के टौरिया शुक्लान के चंदेल कालीन तालाब में हिलोरें मारते पानी को देखकर किसान बैजनाथ पाल की आंखों की चमक उनकी खुशी को साफ बयां कर जाती है, ऐसा हो भी क्यों न, क्योंकि उनके गांव के लोगों ने मेहनत करके इस तालाब को संवारा है और कम बारिश के बावजूद तालाब लबालब होने की स्थिति में जो आ गया है।

बुंदेलखंड सूखा, गरीबी, भुखमरी और पलायन के कारण देश ही नहीं, दुनिया में पहचाना जाता है, मगर यहां के लोगों में विपरीत हालात से लड़ने का जज्बा भी किसी से कम नहीं है। वे सरकारों की तरफ ताकने की बजाय खुद मुसीबतों से लड़कर जीतना भी जानते हैं। यही कारण है कि इस इलाके के कई गांव के लोगों ने पानी की समस्या से निजात पाने के लिए तालाबों की तस्वीर और अपनी तकदीर बदलने की मुहिम छेड़ी है।

संघर्ष और मेहनत की कहानी सुनाने वाली एक ग्राम पंचायत है बनगांय, इस पंचायत के टौरिया शुक्लान (मजरा) का मौसम कोई भी हो पानी की समस्या से दो-चार होना आम बात रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां पानी का एकमात्र सहारा चंदेलकालीन तालाब है, जिसमें बारिश का पानी भी ज्यादा दिन ठहर नहीं पाता था और सारे पानी का रिसाव हो जाता था। हाल यह होता था कि बारिश का मौसम गुजरते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती थी।

गांव के बुजुर्ग किसान बैजनाथ पाल ने बताया कि इस तालाब में पानी होने का अर्थ है, टौरिया शुक्लान की खुशहाली, यहां के लोगों के रोजगार का जरिया खेती और पशुपालन है। ये दोनों काम तभी हो सकते हैं जब पानी हो, इस बार तालाब में पानी रहेगा, जिससे खेती और मवेशियों के लिए पानी की समस्या नहीं आएगी। तब आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।

गांव की सरपंच लीलावती शुक्ला का कहना है कि उनके गांव के लिए तालाब की हालत में सुधार जरूरी था, इसके लिए उन्होंने परमार्थ समाज सेवा संस्थान से मदद मांगी, क्योंकि यह संस्था आसपास के कई गांव में काम करा रही है। इसमें शर्त थी कि कुल लागत की 10 प्रतिशत राशि गांव वालों को अंशदान या श्रमदान के तौर पर देनी होगी।

गांव के हल्काई शुक्ला ने तालाब सुधार के लिए चले प्रयासों का ब्यौरा देते हुए बताया कि ‘शुरू में कुल लागत की 10 प्रतिशत राशि अथवा श्रमदान के लिए सभी को राजी करना आसान नहीं था, गांव के लोगों की बैठक बुलाई गई और उसमें तय हुआ कि कुल लागत का 10 प्रतिशत अंशदान 30 हजार रुपये जुटाया जाए। इस तालाब से 70 एकड़ भूमि की सिंचाई होगी, लिहाजा इस तरह प्रति एकड़ 412 रुपये की राशि जुटाई जाए। सभी तैयार हो गए और राशि जुटा ली गई। वहीं तालाब सुधार के लिए प्रतिवर्ष राशि ली जाएगी।

परमार्थ संस्था के प्रमुख संजय सिंह ने आईएएनएस को बताया कि विकास कार्य में गांव के लोगों की हिस्सेदारी व भागीदारी रहे, इसलिए एकीकृत जल प्रबंधन योजना के तहत होने वाले कार्यो में 10 प्रतिशत की राशि अंशदान के तौर पर ली जाती है। इतना ही नहीं, विकास कार्य पर खर्च होने वाली राशि और चल रहे काम पर नजर भी गांव के लोगों की होती है। संस्था की ओर से तकनीकी परामर्श दिया जाता है।

गांव के बैजनाथ पाल का कहना है, “कई वर्ष बाद उन्होंने इस तालाब को पानी से इस तरह भरे हुए देखा है, उनका मन खुश है और उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि आने वाले समय में पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा। यह सब गांव के लोगों की एक जुटता और मेहनत के बल पर हुआ है। तालाब हमारा है और हमने उसे बचाने के प्रयास किए हैं।”

टीकमगढ़ जिले के कांटी, कौंडिया, बनगांय, गोर आदि में किसानों ने सामुदायिक हिस्सेदारी के बल पर तालाबों की सूरत बदल दी है। बारिश के पानी के होने वाले रिसाव को रोकने के इंतजाम किए गए हैं, वहीं ज्यादा पानी आने पर सलूस के जरिये जल निकासी को भी सुधारा गया है। लिहाजा, गांव वालों ने अपनी मेहनत से हालात से लड़ने की नई इबारत लिख डाली है।

बुंदेलखंड : किसानों के पसीने से लबलबाता तालाब Reviewed by on . टीकमगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)| टीकमगढ़ जिले की बनगांय पंचायत के टौरिया शुक्लान के चंदेल कालीन तालाब में हिलोरें मारते पानी को देखकर किसान बैजनाथ पाल की आंखों की च टीकमगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)| टीकमगढ़ जिले की बनगांय पंचायत के टौरिया शुक्लान के चंदेल कालीन तालाब में हिलोरें मारते पानी को देखकर किसान बैजनाथ पाल की आंखों की च Rating: 0
scroll to top