नई दिल्ली : ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ने स्वीकार किया है कि कंपनी द्वारा कम टैक्स दिए होने की सम्भावना है. ये दावा हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है. रिपोर्ट में सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेशन (सीबीडीटी) के दो अधिकारियो के हवाले से कहा गया है कि बीबीसी ने कम टैक्स देने की बात स्वीकार की है.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीबीसी ने सीबीडीटी को ई-मेल भेजकर स्वीकार किया कि कंपनी ने अपने टैक्स रिटर्न में 40 करोड़ रुपए की आय कम बताई है. सीबीडीटी के अधिकारियों ने कहा कि कानून देश में सभी के लिए समान है एवं मीडिया कंपनी या विदेशी संस्था के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है.
मालूम हो कि बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में इस साल फरवरी महीने में आयकर विभाग द्वारा तीन दिन तक सर्वे किए गए थे. इस दौरान विभाग ने कई साक्ष्य और प्रमाण जुटाए थे, जिनसे विभाग को इस बात के संकेत मिले थे कि संस्थान ने सही से कर का भुगतान नहीं किया है. हालांकि, ये साक्ष्य अभी विभाग ने सार्वजनिक पटल पर नहीं रखे हैं.
उल्लेखनीय है कि जब बीबीसी पर छापेमारी हुई थी तो हर ओर इस बात की चर्चा थी कि सरकार ने यह कार्रवाई बदले की भावना से की है. तब ये तर्क दिया गया था कि चूंंकि बीबीसी ने कुछ वक्त पहले ही गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री रिलीज की है, इसीलिए मीडिया संस्थान पर यह कार्रवाई की गई है.
वहीं, तब ब्रिटिश सरकार ने मजबूत लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए बीबीसी और इसकी संपादकीय स्वतंत्रता का भी बचाव किया था.