पटना, 25 फरवरी-बिहार में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू नहीं होगा। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बिहार में एनआरसी लागू नहीं करने तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में एक संशोधन के साथ 2010 के प्रारूप में इसे लागू करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विधानसभा में वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी के द्वारा 2020-21 का बजट पेश किए जाने के बाद एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव लाया गया, जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इसकी घोषणा की।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सदन में स्पष्ट कहा कि बिहार में एनआरसी लागू करने का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने एनआरसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को भी उद्धृत किया।
नीतीश ने विधानसभा में कहा कि ग्रामीण इलाकों के लोगों के पास जन्मदिन का प्रमाण नहीं है। इन सबको देखते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। बिहार सरकार द्वारा 15 फरवरी, 2020 को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से एनपीआर पुराने फॉर्मेट में कराने की बात कही गई है।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों को ‘कन्फ्यूजन’ में नहीं रहने की अपील करते हुए कहा कि पत्र में एक संशोधन कर लिंग कॉलम में ट्रांसजेंडर को जोड़ने का भी अनुरोध किया गया है।
एनआरसी लागू नहीं किए जाने के प्रस्ताव को विधानसभा में पारित होने के बाद राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसके लिए अपनी पार्टी सहित सभी सहयोगी दलों के साथियों को बधाई और धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि राजद ने जनता की आवाज बनकर इस मुद्दे को लेकर सड़क से सदन तक लड़ाई करती रही। इसी का परिणाम है कि सत्तापक्ष आज घुटने टेकने को विवश हुआ।