औरंगाबाद (बिहार), 15 मार्च (आईएएनएस)। अगर कोई व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार के औरंगाबाद के किसान बृजकिशोर ने। स्ट्रॉबेरी के अनुकूल मिट्टी और आबोहवा नहीं रहने के बावजूद बृजकिशोर ने न केवल स्ट्रॉबेरी की खेती की, बल्कि अन्य किसानों को नई राह भी दिखाई।
औरंगाबाद (बिहार), 15 मार्च (आईएएनएस)। अगर कोई व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार के औरंगाबाद के किसान बृजकिशोर ने। स्ट्रॉबेरी के अनुकूल मिट्टी और आबोहवा नहीं रहने के बावजूद बृजकिशोर ने न केवल स्ट्रॉबेरी की खेती की, बल्कि अन्य किसानों को नई राह भी दिखाई।
औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड के चिल्लकी बिगहा गांव निवासी किसान बृजकिशोर मेहता ने कठिन परिश्रम और लगन से विपरीत आबोहवा में भी स्ट्रॉबेरी की खेती कर न केवल अपनी आर्थिक स्थिति बदली, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
इस इलाके में किसान प्राय: धान की खेती करते हैं, लेकिन बृजकिशोर के मन में यहां की मिट्टी में कुछ अलग चीज उगाने की लालसा बचपन से ही थी।
12वीं पास बृजकिशोर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मेरे मन में स्ट्रॉबेरी की खेती करने की इच्छा हुई और इसके लिए समस्तीपुर स्थित पूसा कृषि विश्वविद्यालय भी गया, लेकिन वहां कहा गया कि स्ट्रॉबेरी के लिए बिहार की मिट्टी उपयुक्त नहीं है।”
यह बात सुनकर बृजकिशोर थोड़े परेशान जरूर हुए, मगर उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया। पूसा विश्वविद्यालय से स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर वापस गांव आ गए और अपनी जिद पूरी करने में जुट गए। गांव के कई लोगों ने भी स्ट्रॉबेरी की खेती में समय व मेहनत बर्बाद करने से मना किया, लेकिन अपने धुन के पक्के बृजकिशोर ने किसी की भी बात न सुनी और अपने कार्य में लगे रहे।
बृजकिशोर बताते हैं कि उन्होंने एक एकड़ भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती की और करीब 90 क्विंटल स्ट्रॉबेरी का उत्पादन किया। उन्होंने बताया कि एक एकड़ भूमि में स्ट्रॉबेरी की खेती करने में करीब 50 हजार रुपये की लागत आती है। बाजार में एक क्विंटल स्ट्रॉबेरी की कीमत लगभग 3,500 रुपये होती है।
बृजकिशोर की इस कामयाबी से स्थानीय किसान भी खुश हैं। एक किसान रघुनंदन ने कहा, “आज हालत यह है कि औरंगाबाद जिले की तो बात ही छोड़ दें, बिहार के अन्य जिले के किसान भी चिल्लकी बिगहा गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती देखने और इसके तरीके समझने आते हैं।”
बृजकिशोर की चाहत है कि अगर सरकार मदद करे तो वह और भी बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने असंभव माने जाने वाले कार्य को संभव कर दिखाया, सरकार को बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में पहल करनी चाहिए।”
औरंगाबाद जिला उद्यान विभाग के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि सरकार ऐसे किसानों की मदद करती है। बृजकिशोर के प्रयास की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अन्य किसानों को भी सीख लेनी चाहिए।