मोतिहारी, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में बंद पड़ी चीनी मिल खुलवाने और बकाए राशि के भुगतान के लिए आंदोलनरत मजदूरों के सब्र का बांध का सोमवार को टूट गया जब आंदोलन कर रहे दो मजदूरों ने सड़क पर अपने शरीर पर तेल डालकर आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। दोनों मजदूर बुरी तरह झुलस गए हैं।
पुलिस के अनुसार, आंदोलन कर रहे मजदूरों में शामिल नरेश प्रसाद और सूरज बैठा अपने शरीर पर तेल उड़ेलकर आत्मदाह करने की कोशिश की। वहां मौजूद पुलिस ने जब दोनों को रोकने की कोशिश की तो आंदोलन कर रहे मजदूरों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया।
पुलिस को भी बचाव में किसानों पर बल का प्रयोग करना पड़ा। पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने बताया कि आंदोलन कर रहे मजदूरों की ओर से पुलिस पर पहले पथराव किया गया। पुलिस ने मजदूरों को काफी समझाने का प्रयास किया जब वे नहीं माने तो पुलिस ने पहले लाठी चार्ज किया।
उन्होंने बताया कि आक्रोशित मजदूरों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां भी चलाई तब जाकर स्थिति को नियंत्रित किया जा सका। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तनाव बना हुआ है परंतु स्थिति नियंत्रण में है।
राणा ने बताया कि झुलस गए मजदूरों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दोनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि मोतिहारी स्थित हनुमान चीनी मिल मजदूर संघ सात अप्रैल से बंद पड़े चीनी मिल को खुलवाने और बकाए राशि के भुगतान कराने सहित कई मांगों को लेकर मिल गेट के सामने आंदोलन कर रहा है। संघ का दावा है कि उन्होंने पूर्व में ही घोषणा कर रखी थी कि अगर उनकी मांगें नौ अप्रैल तक नहीं मानी गई तो वे सभी आत्मदाह करेंगे।
संघ के लोगों ने बताया कि इसकी जानकारी मिल प्रबंधन, जिला प्रशासन सहित सभी अधिकारियों को दी गई थी।