पटना- किसी भी छात्र के लिए अपने वर्ग की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पर आना गर्व की बात होती है और छात्र अगर राज्यस्तर पर होने वाली परीक्षा में टॉपर बना हो तो क्या कहने। ऐसे छात्र अपने बायोडाटा में शान से ‘टॉपर’ का तमगा भी जोड़ते थे, लेकिन अब बिहार के टॉपर रहे छात्र ‘टॉपर’ का तमगा हटाने लगे हैं।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा इस वर्ष आयोजित 12वीं की परीक्षा के परिणाम के बाद ‘टॉपर्स घोटाले’ के खुलासे का असर अब दूसरे टॉपर्स पर भी होने लगा है। कल तक जो छात्र शान से खुद को राज्य का टॉपर बताते थे, अब वे टॉपर नहीं कहलाना चाहते। टॉपर छात्र, टॉपर कहलाने पर शर्म महसूस कर रहे हैं।
वर्ष 2009 में 12वीं की परीक्षा के विज्ञान संकाय में टॉपर रहे अमन राज ने अपने बायोडाटा से टॉपर का टैग इसलिए हटा लिया, ताकि भविष्य में साक्षात्कार के दौरान कहीं इसी कारण उन्हें असफलता का मुंह न देखना पड़े।
वर्ष 2010 की 12वीं परीक्षा में विज्ञान संकाय की टॉपर रही श्वेता रजनी को एक साक्षात्कार में बजाप्ता बिहार में टॉपर बनने की कहानी के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा, “साक्षात्कार में विषय पर कम बात की गई। टॉपर कहलाने में अब शर्म आती है।”
इधर, वर्ष 2014 में वाणिज्य संकाय में टॉपर रहे अविनाश भी अब टॉपर नहीं कहलाना चाहते। अविनाश कहते हैं, “अब मुझे टॉपर बनने का अफसोस हो रहा है। टॉपर के तमगे के कारण साक्षात्कार में कहीं दिक्कत न हो, इसलिए मैंने अपने बायोडाटा से ‘टॉपर’ का टैग हटा दिया है।”
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 12वीं के कला संकाय की टॉपर रही रूबी कुमारी और विज्ञान संकाय में टॉपर रहे सौरव कुमार के विषय संबंधित और साामन्य ज्ञान से संबंधित साक्षात्कार को टीवी चौनलों पर प्रसारित किए जाने के बाद राज्य में टॉपर बनने से संबंधित फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
रूबी ने टीवी चैनलों को दिए साक्षात्कार के दौरान पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साइंस’ बताते हुए कहा था कि राजनीति विज्ञान में खाना बनाने की पढ़ाई होती है। इसी प्रकार विज्ञान संकाय में टॉपर रहे सौरव कुमार को ‘प्रोटोन’ और ‘इलेक्ट्रॉन’ की सामान्य जानकारी भी नहीं थी।
बीएसईबी ने बाद में विशेष जांच परीक्षा के बाद विज्ञान संकाय के टॉपर बने सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार तथा ऑर्ट्स की टॉपर रही रूबी राय का परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया था।
इधर, टॉपर्स घोटाले के खुलासे के बाद छह जून को पटना के कोतवाली थाना में वैशाली जिले के भगवानपुर थाना के किरतपुर स्थित विशुन राय कालेज के प्राचार्य डॉ. अमित कुमार उर्फ बच्चा राय और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष अनुसंधान टीम (एसआईटी) गठित की है। इस मामले में अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।