भागलपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शमिल जनता दल (युनाइटेड) के विधायक मेवालाल चौधरी पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में कुलपति रहने के दौरान सहायक प्राध्यापक के पद पर हुई नियुक्ति मामले में गड़बड़ी का आरोप लगा है। इस मामले में सबौर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
पुलिस के अनुसार, सबौर कृषि विश्वविद्यलय के कुलसचिव अशोक कुमार के लिखित बयान के आधार पर पूर्व कुलपति मेवालाल चौधरी के खिलाफ भादवि की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बुधवार को बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान फर्जीवाड़े में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
चौधरी 2010 से 2015 के बीच कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। वह वर्तमान में मुंगेर जिले के तारापुर से जद (यू) विधायक हैं।
चौधरी पर आरोप है कि वर्ष 2011 में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति निकाली गई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। इस नियुक्ति के लिए बोर्ड का गठन किया गया था, जिसके अध्यक्ष कुलपति चौधरी ही थे।
गडबड़ी सामने आने के बाद राजभवन ने जांच के लिए एक जांच समिति गठित की। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर राजभवन ने चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। मंगलवार देर शाम चौधरी के खिलाफ सबौर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई।
इधर, पूर्व कुलपति और विधायक ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नियुक्ति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उसके लिए एक समिति गठित थी। वह तो सिर्फ उस समिति के अध्यक्ष थे।