पटना, 30 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार की जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानें अब बैंक एटीएम की तर्ज पर काम करेंगी। इसके लिए लाभार्थियों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस वर्ष फरवरी महीने में राज्य के किसी एक पंचायत का चयन कर इसकी शुरुआत की जाएगी।
बिहार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री श्याम रजक ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि पीडीएस की दुकानों में इस आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने वाला बिहार देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा।
उन्होंने इस योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पीडीएस की दुकानों में ‘पॉइंट ऑफ सेल’ नामक मशीन लगाई जाएगी, जो एक विशेष नेटवर्क से जुड़ा होगा। सभी लाभार्थियों का बायोमीट्रिक डाटा बैंक तैयार कर उन्हें स्मार्ट राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
इस स्मार्ट राशन कार्ड में लगे चिप में एक परिवार के चार व्यक्तियों की विवरणी रहेगी जो मशीन में भी चिह्न्ति रहेगा। इससे यह लाभ होगा कि यही चार व्यक्ति ही पीडीएस की दुकानों से राशन उठा सकेंगे।
मशीन द्वारा व्यक्ति की पहचान कर लेने के बाद सेन्ट्रल सर्वर से एटीएम कार्ड की तरह रसीद निकलेगी। रसीद के अनुसार ही राशि का भुगतान कर व्यक्ति अपना राशन ले सकेगा। इस सुविधा का लाभ खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सभी लाभार्थी उठा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि आधार कार्ड के डाटाबेस और राशन कार्ड डिजिटाइजेशन के आधार पर डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें व्यक्तियों के अंगूठे का निशान भी सम्मिलित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ऐसे में जहां कालाबाजारी रुकेगी वहीं लाभार्थियों को भी राशन लेने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
रजक ने कहा कि पहले इस योजना के लिए एक पंचायत को चुना जाएगा, उसके बाद तीन चरणों में पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा।