अजमेर। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में आने वाले हर जायरीन का रजिस्टे्रशन होगा। यहां आने वाले जायरीन को एक कार्ड दिया जाएगा जिसमें उसकी फोटो, पता आदि जानकारी होगी। यह कार्ड लेकर जायरीन दरगाह में प्रवेश करेगा। दरगाह कमेटी सदर मोहम्मद ओबेदुल्ला शरीफ ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। कमेटी की अगली बैठक में इस योजना को रखा जाएगा और लागू करने का निर्णय किया जाएगा।
दरगाह में सुरक्षा की दृष्टि से और भीड़ पर नियंत्रण के उद्देश्य से कमेटी ने यह योजना तैयार की है। कमेटी सदर ने बताया कि आंध्रप्रदेश की त्रिलोक सिक्युरिटी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म ने अक्टूबर 2013 को यह प्रस्ताव केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय को भेजा। कमेटी को यह नवम्बर में मिला है।
कम्पनी ने हाल ही इसका लाइव डेमो भी करके दिखाया है। कमेटी ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि बार ट्रेकिंग, बार वेरिफिकेशन और बार रिर्पोटिंग सिस्टम के साथ यह बायोमेट्रिक रिर्पोटिंग सिस्टम लागू होगा। कार्ड में आने वाले हर जायरीन की सारी जानकारी होगी, मसलन वह कहां से आया है, कितने दिन अजमेर में रहेगा और कितनी बार दरगाह में प्रवेश करेगा।
ऑनलाइन सहित कई जगह व्यवस्था
कमेटी सदर के अनुसार रजिस्ट्रेशन की ऑनालाइन व्यवस्था रहेगी। साथ ही अजमेर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, विश्राम स्थली, विभिन्न मार्गो पर इसके काउंटर होंगे। दरगाह के 10 गेट हैं। उन सभी पर यह व्यवस्था रहेगी। साथ ही उन प्रमुख शहरों में भी इसके काउंटर खोले जाएंगे जहां से जायरीन ज्यादा संख्या में आते हैं। उनका कहना है कि रजिस्टे्रशन में दो सैकण्ड से ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
फोटो में आपत्ति हो तो
किसी जायरीन को अगर फोटो में आपत्ति हो तो उसकी आंख के रेटीना का फोटो लिया जा सकता है। इसके लिए भी कोई तैयार नहीं हो तो उसकी अंगूठा निशानी तो रहेगी ही। यह कार्ड पांच साल से अधिक आयु के हर जायरीन को बनवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए जायरीन और दरगाह कमेटी को एक रूपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा।