श्रीनगर, 25 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के बालटाल क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने की घटना के बाद यहां सेना का बचाव एवं राहत अभियान जोरों पर है। आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई और सात लोग लापता हैं।
सेना अधिकारियों ने कहा कि यात्रा मार्ग को शनिवार शाम तक दोबारा खोलने के लिए प्रयास जारी हैं।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टीनेंट कर्नल एन. एन. जोशी ने कहा, “बालटाल में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना ने बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया है।”
जोशी ने कहा, “बालटाल फाटक और रंगामोर के बीच तीन स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसके बाद वहां भूस्खलन हुआ है।”
उन्नीसवीं गढ़वाल रेजीमेंट की टुकड़ियों ने क्षेत्र में खोज अभियान शुरू कर दिया है। 24 राष्ट्रीय रायफल्स का त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) और पास के गगनगीर शिविर से बचाव दल भी सोनमर्ग पहुंच चुका है।
सेना के एक अधिकारी ने कहा कि 17 टेंट व कई वाहन कीचड़ में दब चुके हैं।
सड़क यातायात चालू करने के लिए सेना बुलडोजर की मदद ले रही है।
एक तालाब के पास हुए भूस्खलन से बंद हुए मार्ग से मलबा हटाने का काम शुरू किया जा चुका है।
बालटाल में शुक्रवार रात बादल फटने की घटना में मारे गए बच्चों की पहचान राजस्थान निवासी प्रकाश की 13 वर्षीया बेटी पूजा और राजस्थान के ही रहने वाले कैलाश के 12 वर्षीय बेटे विक्रम के रूप में हुई। तीसरा शव बाद में मिला।
सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना में नौ लोग घायल हुए हैं। 780 लोगों को एक सैन्य शिविर में और 1,500 यात्रियों को भंडवास में पहुंचाया गया है, जबकि 12 दुकानें पानी के तेज प्रवाह में बह गईं।
गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को विशेष उपचार के लिए श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसे विमान एंबुलेंस से यहां लाया गया।
अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग लापता हैं, जिनमें मैसर, अनिल साहू, अशहक साहिद मीर, रेयाज अहमद लोन, मुश्ताक अहमद, रामदेवी और फैयाज अहमद मीर शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि बादल फटने की घटना में जान गंवाने वाले दोनों बच्चे आधार शिविर के पास दुकानों में काम करते थे।
इससे पहले 16 जुलाई को श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलान गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी मार्ग से होकर अमरनाथ यात्री बालटाल आधार शिविर के लिए जाते हैं।