मेलबर्न, 18 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय टीम गुरुवार को जब मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर बांग्लादेश के खिलाफ आईसीसी विश्व कप-2015 का क्वार्टर फाइनल मैच खेलने उतरेगी तो वेस्टइंडीज में 2007 में हुए विश्व कप के ग्रुप मुकाबले में बांग्लादेश के हाथों मिल हार उसके जेहन में जरूर रहेगी।
वैसे तो मौजूदा चैम्पियन भारत का बांग्लादेश के खिलाफ रिकॉर्ड काफी अच्छा है और अब तक खेले 29 मैचों में उसे जीत मिली है। एक मैच परिणाम रहित रहा है, जबकि एक मैच बिना खेले रद्द हो गया।
जिन तीन मैचों में भारत को बांग्लादेश के खिलाफ हार मिली है उसमें विश्व कप-2007 की हार विशेष रूप से कष्टप्रद रही, क्योंकि इस हार का खामियाजा भुगतते हुए भारतीय टीम को विश्व कप से ग्रुप चरण से ही बाहर होना पड़ा था। भारत ने हालांकि अगले ही विश्व कप-2011 में उस हार का बदला ले लिया था।
2007 के विश्व कप में त्रिनिदाद के क्वींस पार्क ओवल में हुए ग्रुप-बी मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला जरूर किया, लेकिन सलामी बल्लेबाज सौरभ गांगुली (66) और युवराज सिंह (47) के अलावा कोई भी शीर्ष बल्लेबाज चल नहीं सका था और पूरी टीम 49.3 ओवरों में 191 रन बनाकर धराशायी हो गई थी।
उस समय टीम की कमान राहुल द्रविड़ के हाथ में थी, हालांकि द्रविड़ भी 14 रनों का ही योगदान दे सके थे। मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धौनी उस मैच में विकेटकीपर के रूप में शामिल थे और बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। बांग्लादेश की मौजूदा टीम के कप्तान मशरफे मुर्तजा ने उस मैच में चार विकेट चटकाए थे।
भारत से मिले 192 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने तमीम इकबाल (51), मुशफिकुर रहीम (नाबाद 56) और शाकिब अल हसन (53) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 48.3 ओवरों में पांच विकेट पर जीत हासिल कर ली थी।
इसके बाद हालांकि भारत ने अगले ही विश्व कप में इस हार की कसर निकालते हुए आईसीसी विश्व कप-2011 के उद्घाटन मैच में बांग्लादेश को 87 रनों से मात दी। इस बार टॉस बांग्लादेश ने जीता और भारत को बल्लेबाजी का न्यौता दिया।
भारत ने इस मैच में विरेंद्र सहवाग (175) और विराट कोहली (नाबाद 100) की दमदार पारियों के बल पर चार विकेट खोकर 370 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश के लिए तमीम इकबाल (70) ने एक बार फिर अच्छी पारी खेली और शाकिब अल हसन ने भी 55 रनों का अहम योगदान दिया। लेकिन मुनाफ पटेल (48/4) , जहीर खान (40/2) की कसी हुई गेंदबाजी के आगे बांग्लादेश टीम नौ विकेट खोकर 283 रन ही बना सकी।
आईसीसी विश्व कप-2007 में बांग्लादेश के हाथों मिली हार के बाद से दोनों टीमें 13 बार एक-दूसरे के खिलाफ खेल चुकी हैं और केवल एक बार भारत को एशिया कप-2012 में हार का सामना करना पड़ा।
एशिया कप 2011-12 के उस मैच में बांग्लादेश के हाथों मिली हार इस मायने में भी चकित करने वाली रही, क्योंकि भारतीय टीम सचिन तेंदुलकर (114) के 100वें और आखिरी अंतर्राष्ट्रीय शतक के बल पर 289 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहा था। तेंदुलकर के अलावा कोहली (66) और सुरेश रैना (51) ने अर्धशतकीय पारियां खेली थीं।
गौरतलब है कि तमीम इकबाल (70) एकबार फिर भारत के खिलाफ बांग्लादेश के संकटमोचक बनकर उभरे और शाकिब अल हसन (49) ने भी अहम योगदान दिया। बांग्लादेश ने चार गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 293 रन बनाकर यह मैच जीत लिया।