ढाका, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमान खान कमाल ने रविवार को कहा कि आतंकवादी सरगना मुफ्ती हन्नान को मौत की सजा देने पर अब कानूनी तौर पर कोई बाधा नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने दया याचिका खारिज कर दी है।
ढाका ट्रिब्यून की रपट के मुताबिक, “काशिमपुर जेल के अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। मुफ्ती हन्नान को किसी भी समय मौत की सजा दे दी जाएगी।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “आतंकवादी सरगना को मौत की सजा देने को लेकर किसी आतंकवादी हमले की धमकी नहीं है।”
सर्वोच्च न्यायालय के अपीली विभाग ने 21 मार्च को हरकत-उल जिहाद अल-इस्लामी बांग्लादेश (हुजीब) के नेता मुफ्ती हन्नान और उसके दो सहयोगियों के मृत्युदंड की पुष्टि कर दी थी और पूरा फैसला जारी किया था।
दोषियों को बांग्लादेश में तत्कालीन ब्रिटिश उच्चायुक्त अनवर चौधरी के 21 मई, 2004 को सिलहट में हजरत शाहजलाल दरगाह की यात्रा के दौरान उनकी हत्या की कोशिश करने के लिए दोषी ठहराया गया है।
इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और अनवर बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
सिलहट अदालत ने 23 दिसंबर, 2008 को हमले में भूमिका के लिए तीन लोगों को मौत की सजा और दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने फरवरी 2016 में सजा को बरकार रखा।
हन्नान को 2001 में रमन बाटमुल विस्फोट के लिए भी मौत की सजा सुनाई गई थी। इस विस्फोट में 10 लोगों की मौत हुई थी।
हुजीब आतंकवादी समूह का गठन 1992 में किया गया था। समूह ‘बांग्लादेश में शरिया कानून स्थापित’ करने के लिए करीब 14 हमले करने का दावा करता है, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए हैं।