श्रीनगर (त्रिपुरा)/अगरतला, 13 जनवरी (आईएएनएस)। भारत सरकार बांग्लादेश और म्यांमार के साथ व्यापारिक और अन्य आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए अवसंरचना का निर्माण कर रही है। यह बात यहां मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही।
श्रीनगर (त्रिपुरा)/अगरतला, 13 जनवरी (आईएएनएस)। भारत सरकार बांग्लादेश और म्यांमार के साथ व्यापारिक और अन्य आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए अवसंरचना का निर्माण कर रही है। यह बात यहां मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही।
सीतारमण ने अगरतला में संवाददाताओं से कहा, “पड़ोसी देशों के साथ व्यापार और कारोबार बढ़ाने के लिए भारत बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान सीमा पर अंतर्राष्ट्रीय मानक वाले बहुउद्देश्यीय एकीकृत सीमा चौकिया का निर्माण कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा हाट भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि दोनों देशों के स्थानीय उपजों का व्यापार बढ़ाया जा सके।”
मंत्री ने कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बांग्लादेश से लगी सीमा पर स्थित अगरतला आईसीपी का दौरा किया।
इस आईसीपी का निर्माण 74 करोड़ रुपये में हुआ है।
यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का देश का दूसरा आईसीपी है और बांग्लादेशी सीमा पर पहला आईसीपी है। इसका उद्घाटन गत वर्ष 17 नवंबर को सुशील कुमार शिंदे ने किया था।
सीतारमण ने कहा कि म्यांमार सीमा पर मणिपुर में दो और आईसीपी स्थापित की जाएगी।
उन्होंने कहा, “भारत सरकार पूर्वोत्तर को उच्च प्राथमिकता दे रही है।”
इससे पहले सीतारमण ने अगरतला से 140 किलोमीटर दूर दक्षिणी त्रिपुरा के श्रीनगर में एक सीमा हाटा का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश से आर्थिक संबंध मजबूत करना चाहता है।
सीमा हाट खोलने के बाद सीतारमण ने कहा, “भारत बांग्लादेश के साथ गंभीरता पूर्वक व्यापारिक, आर्थिक संबंध अधिक मजबूत करना चाहता है।”
यह सीमा दोनों देशों के बीच तीसरा सीमा हाट और त्रिपुरा में पहला सीमा हाट है। इसका मकसद दोनों देशों के स्थानीय उपज को बाजार उपलब्ध कराना है।
इस मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री तपन चक्रवर्ती, लोकसभा सांसद जितेंद्र चौधरी और दोनों देशों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सीतारमण ने कहा कि इस हाट से दोनों देशों में स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
उन्होंने त्रिपुरा सरकार से राज्य में सीमा पर दूसरे हाटों के काम में तेजी लाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, “त्रिपुरा की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के लिए प्रवेश द्वार हो सकता है।”
बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री तुफैल अहमद ने कहा, “बांग्लादेश अभी विभिन्न देशों को सालाना 30 अरब टका मूल्य की वस्तुओं का निर्यात करता है। भारत और बांग्लादेश के बीच निकट संबंध होने से यह और बढ़ सकता है।”
उन्होंने कहा, “1971 में मुक्ति संग्राम में भारत ने हर संभव मदद की थी और भारत को भी बांग्लादेश का सहयोग जारी रहेगा।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले दो सीमा हाट मेघालय से लगी बांग्लादेश की सीमा पर खोले जा चुके हैं।
इन सीमा हाटों में स्थानीय कृषि, वानिकी उत्पाद, मसाले, लघु वनोपज, ताजी और सूखी मछलियां, पॉल्ट्री और दुग्ध उत्पाद, कुटीर उद्योग के सामान, लकड़ी के फर्नीचर, हस्तकरघा और हस्तशिल्प की बिक्री की अनुमति दी गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।