किसानों को घटिया बीज बेचने का मामला, दर्ज हुई एफआईआर
इंदौर संभाग के बड़वानी जिले में किसानों को सोयाबीन के घटिया बीज बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। बड़वानी कलेक्टर द्वारा गठित विशेष दल ने नीलेश एग्रो सीड्स कंपनी के सेंधवा स्थित गोदाम में छापा मार कर 146 क्विंटल सोयाबीन के बीज जब्त किए हैं। निर्माता कंपनी का लाइसेंस भी निरस्त कर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। होशंगाबाद, रतलाम और आगर जिले में बीज निर्माता कंपनियों के गोदामों की भी जांच शुरू हो गई है। इंदौर में बीज निर्माता कंपनियां गुरुवार को छापा कार्रवाई होने की संभावना है। सोयाबीन के बीज के संकट से जूझ रहे किसानों को निजी कंपनियों ने 2 लाख क्विंटल घटिया बीज बेच दिया है। 19 कंपनियों के गोदामों से बीज के नमूनों की जांच में पाया कि बीज की गुणवता तय मानकों से बहुत कम है। गौर करने की बात यह है कि राज्य सरकार की ग्वालियर की बीज प्रयोगशाला ने इन्हीं बीजों को गुणवतापूर्ण होने का प्रमाण दे दिया था। इंदौर की एएसएन एग्रो जनेस्टेट प्रालि, मोहरा सीड्स सामेर रोड, सावंरिया सीड्स बायोटेक, विगोर सीड्स बायोटेक, ईगल सीड्स बायोटेक, कृतिका सीड्स देवासनाका, महाधन सीड्स प्रालि, नेशनल सीड़स कारपोरेशन, ग्रीन गोल्ड एग्रीटेक, माणिक्या एग्रीटेक, रासायन एग्रो प्रालि और मयूर सीड्स एंड एग्रोटेक। होशंगाबाद – कृषक भारती कॉपरेटिव लिमिटेड। आगर – देवश्री सड्स कानड, जयकिसान कृषि सेवा केंद्र नलगोड़ा एवं प्रक्रिया प्रभारी ग्रीनटेग सीड्स नलखेड़ा। रतलाम – गुरुकृपा सीड्स प्रोपराइटर विक्रमगढ़। इधर आलोट की गुरुकृपा सीड्स कंपनी के नमूने राज्य शासन की ग्वालियर स्थित लैब में फेल हो चुके हैं। शासन ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। कृषि विभाग 29 मई को इसके 208.80 क्विंटल बीज को प्रतिबंधित कर बिक्री रोक चुका है। भोपाल से कार्रवाई के आदेश मिलते ही कृषि विभाग बीज, खाद एवं कीटनाशक की जांच में लग गया। अब तक 60 नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इसी महीने 90 नमूने भेजने का टारगेट तय किया है। इस बार मानसून देरी से आने व बारिश कम होने की मौसम विभाग की सूचना से किसान परेशान हैं। बीजों की कमी भी उनकी परेशानी का कारण बन रही है। ओलावृष्टि व अतिवृष्टि में अच्छी क्वालिटी के बीज खराब हो चुके हैं। कृषि विभाग सलाह दे रहा है सही समय पर बीज बोएं ताकि उत्पादन बेहतर मिले। अमानक बीज की खबर ने चिंता बढ़ा दी। किसान समझ नहीं पा रहे कि बीज कहां से खरीदें। 7 से 8 हजार रुपए क्विंटल के भाव का बीज अमानक निकल जाए तो मेहनत बेकार हो जाएगी। दोबारा बोवनी की संभावना भी नहीं रहेगी।
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