हैदराबाद, 1 मार्च (आईएएनएस)। संसद के चालू बजट सत्र के दौरान सोमवार यानी दो मार्च से प्रारंभ होने वाले दूसरे सप्ताह में संसद के दोनों सदनों में पिछले सत्र से इस सत्र के दौरान जारी किए गए अध्यादेशों के स्थान पर विधेयकों पर चर्चा होगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यहां दूसरे सप्ताह के कामकाज की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि विभिन्न मुद्दों पर जारी छह अध्यादेशों का स्थान लेने वाले विधेयक पहले लोकसभा में पेश किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समितियों ने संसद सत्र के दूसरे सप्ताह के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित विधायी कार्य पर विचार किया है और विभिन्न विधेयकों हेतु समय निर्धारित किया है।
लोकसभा में दो मार्च को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2015 और खनन एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक, 2014, पहले ही विचारार्थ और पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किए जा चुके हैं। मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 और कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2015, दो अन्य विधेयक हैं, जिन्हें अध्यादेशों के स्थान पर सोमवार को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जबकि बीमा कानून (संशोधन) अध्यादेश के स्थान पर विधेयक तीन मार्च को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
नायडू ने कहा कि भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्र्थापन में निष्पक्ष मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 में संशोधन से संबंधित छठे अध्यादेश के स्थान पर विधेयक पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश किया गया था। इससे पहले सरकार ने लोकसभा में लंबित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2014 को संबद्ध अध्यादेश का स्थान लेने वाला नया विधेयक पेश करने से पहले वापस ले लिया था।
आंध्र प्रदेश, पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2015 सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सरकार संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2015, जो राज्यसभा द्वारा पिछले सप्ताह पारित किया जा चुका है, को लोकसभा में विचारार्थ पेश करने और पारित कराने पर भी विचार कर रही है।
राज्यसभा ने सार्वजनिक स्थान (अनधिकृत कब्जे खाली कराना) संशोधन विधेयक, 2014 भी पारित कर दिया है, जिसे लोकसभा ने पिछले शीतकालीन अधिवेशन में पारित कर दिया था।
दूसरे सप्ताह के दौरान राज्यसभा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे बहस करेगी। इसके बाद कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2014 और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (संशोधन) विधेयक, 2014 पर भी विचार किया जाएगा और उन्हें पारित किया जाएगा।
राज्यसभा द्वारा नागरिकता और खनन एवं खनिजों से संबंधित दो अध्यादेशों का स्थान लेने वाले विधेयकों पर भी विचार किए जाने की संभावना है बशर्ते ये विधेयक लोकसभा में पारित हो जाएं।
सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2014 भी पारित कराना चाहती है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार सभी छह अध्यादेशों के स्थान पर पांच अप्रैल, 2015 तक संसदीय अधिनियम बनाने की आवश्यकता है।